नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र का आज ऐलान हो गया है। यह मॉनसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक होगा। आज सीसीपीए ने मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित करने की सिफारिश की। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया।
इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल के पास होने की उम्मीद की जा रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद असम में ऐतिहासिक जीत और केरल और तमिलनाडु में मौजूदगी दर्ज कराने के बाद सत्तारूढ़ BJP के हौसले बुलंद हैं। यह सत्र मोदी सरकार के दो साल पूरा होने के बाद हो रहा है। फिलहाल राज्यसभा में 45 और लोकसभा में पांच विधेयक लंबित हैं।
सरकार को इस सत्र में जीएसटी विधेयक के पारित होने की उम्मीद है क्योंकि इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि कई क्षेत्रीय दलों ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से हाथ खींच लिया है और वे इस महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार को अपना समर्थन देने के इच्छुक हैं। अन्य महत्वपूर्ण विधेयक व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन (संशोधन) विधेयक, 2015 है जिसे पिछले साल दिसंबर में आगे बढ़ाया गया, लेकिन इस पर चर्चा बेनतीजा रही। इस साल बजट सत्र में इस विधेयक को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
लोकसभा में लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2015 और बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक, 2015 शामिल हैं। सरकार एनेमी प्रापर्टी एक्ट में संशोधन के लिए एक अध्यादेश की जगह विधेयक को मंजूरी दिलाने की भी कोशिश करेगी। साथ ही वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पर अध्यादेश की जगह एक विधेयक पर भी जोर देगी। संसद के पिछले कुछ सत्र अवरोधों से भरे रहे, हालांकि बजट सत्र के दूसरे हिस्से में अपेक्षाकृत कुछ सुधार दर्ज किया गया।
वहीं इस सत्र में मुख्या विपक्षी दल विदेश नीति, एनएसजी सहित कई अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने कि तोयारी कर रही है।