नई दिल्ली : लगातार हो रही आलोचना के बावजूद रेलवे ने फ्लैक्सी किराया लागू करने के अपने फैसले का बचाव किया. उसने कहा कि ऐसा होने पर भी यह विमान या सड़क से यात्रा करने से सस्ता पड़ेगा. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मुहम्मद जमशेद ने कहा कि रेलवे के लिए फ्लैक्सी फेयर नया नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह 1997 में तत्काल सेवा शुरू करने के साथ ही शुरू हुआ था. प्रीमियम ट्रेनें, सुविधा ट्रेनें और गतिमान एक्सप्रेस भी फ्लैक्सी फेयर मूल्य पर आधारित हैं. जमशेद ने राजधानी, दूरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों के दिल्ली से विभिन्न स्थानों के लिए जाने वाले विमान किराए से तुलना करते हुए एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति भी दी.
उन्होंने कहा कि रेलवे का किराया विमान या बस से अब भी सस्ता है. उन्होंने इसकी दिल्ली-चंडीगढ़ के वोल्वो या विमान किराए से तुलना की. जमशेद ने यह भी कहा कि फ्लैक्सी किराए के टिकट के जरिए पहले दो दिनों में 1.60 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं. इससे मौजूदा वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि रेलवे लगातार अपने इस फैसले की समीक्षा कर रही है और इस पर अंतिम निर्णय बाद में लेगी. इस बीच यह भी चर्चा है कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस फैसले की हो रही आलोचना को संज्ञान में लिया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया आदि पर भी फैसले को लेकर काफी चर्चा हो रही है.