नई दिल्ली : माता वैष्णो देवी की त्रिकुटा पर्वत श्रंखला पर लगतार बढ़ रही आग और भूस्खलन की घटनाओं पर अब जल्द ही काबू पा लिया जायेगा. श्री माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड ने इस पहाड़ी श्रंखला को हरा-भरा रखने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाने का फैसला लिया है.
इस साल अब तक माता वैष्णो देवी की त्रिकुटा पहाड़ियों पर 8 बड़ी आग लगने की घटनाए हुईं. इसके साथ ही अगस्त महीने में 3 बड़ी लैंड-स्लाइड की घटनाओं में करीब आधा दर्जन श्रद्धालुओं की मौत हो गयी जबकि दर्जनों घायल हो गए. माता वैष्णो देवी की पहाड़ियों पर इस तरह की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अब एक व्यापक एक्शन प्लान बनाया है.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने माता वैष्णो देवी की इन पहाड़ियों पर बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाने का फैसला लिया है, जिससे न केवल आग और लैंड स्लाइड की घटनाओं को रोका जा सकेगा, बल्कि इन पहाड़ियों पर हरियाली भी छा जाएगी.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पास इन त्रिकुटा पर्वत श्रंखला पर 80 हज़ार हेक्टेयर की भूमि है. इस भूमि का थोड़ा सा हिस्सा की माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए काम में लिया जा रहा है. इन पहाड़ो पर बाकि अधिंकांश भूमि वन भूमि है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने हर साल इस वन भूमि पर 80 हज़ार से 1 लाख पेड़ पौधे लगाने का फैसला लिया है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस पर्वत श्रंखला पर करीब 150 तरह के पेड़ पौधे लगाने का फैसला लिया है. पिछले पांच सालों में इन पहाड़ियों पर आग और लैंडस्लाइड्स की घटनाये श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के लिए एक बड़ी चुनौती है. इन पहाड़ों में साल 2012 में 6, 2013 में 7, 2014 में 12 और 2016 में अब तक 8 बड़ी आग की वारदातें हुई है. वर्ष 2015 में आग की कोई घटना सामने नहीं आयी है.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अजित कुमार साहू ने बताया कि वो त्रिकुटा पर्वत श्रंखला पर बड़े पत्तो वाले पेड़ पौधे, फल देने वाले पेड़ो समेत बांस और लेमन ग्रास समेत करीब 150 तरह के के पेड़ पौधे लगा रहे है जिनसे न केवल इस पर्वत श्रंखला पर आग को फैलने से रोका जा सकेगा बल्कि यह पेड़ पौधे लैंड स्लाइड्स को भी रोक सकेंगे. पहले श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड इन 150 तरह के पेड़ पौधों को बाजार से खरीदता था, जो न सिर्फ बहुत महंगे होते थे बल्कि अक्सर समय पर नहीं मिलते थे. इससे निपटने के लिए अब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कटरा के पास पैंथल नाम की जगह पर अपनी एक अतिआधुनिक नर्सरी बना ली है जहा किसी भी मौसम में कोई भी पेड़ या पौधा तैयार किया जा सकेगा.
इसके साथ साथ श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की यात्रा को और अच्छा बनाने के लिए कटरा से भवन तक के 14 किलोमीटर ट्रैक पर जगह जगह फूलो के पौधे लगाने का भी फैसला लिया है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आग को फहलने से बचने के लिए अब इन पहाड़ियों पर रह रहे स्थानीय लोगों का भी सहयोग लेने का फैसला लिया है. माता वैष्णो देवी की त्रिकुटा पर्वत श्रंखला पर लगतार बढ़ रही आग और भूस्खलन की घटनाओ पर अब जल्द ही काबू पा लिया जायेगा. श्री माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड ने इस पहाड़ी श्रंखला को हरा भरा रखने और ऐसी घटनाओ को रोकने के लिए पर बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाने का फैसला लिया है.
इस साल अब तक माता वैष्णो देवी की त्रिकुटा पहाड़ियों पर 8 बड़ी आग लगने की घटनाए हुईं. इसके साथ ही अगस्त महीने में 3 बड़ी लैंड स्लाइड की घटनाओं में करीब आधा दर्जन श्रद्धालुओं की मौत हो गयी जबकि दर्जनों घायल हो गए. माता वैष्णो देवी की पहाड़ियों पर इस तरह की बढ़ती घटनाओ को रोकने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अब एक व्यापक एक्शन प्लान बनाया है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने माता वैष्णो देवी की इन पहाड़ियों पर बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाने का फैसला लिया है, जिससे न केवल आग और लैंड स्लाइड की घटनाओ को रोका जा सकेगा, बल्कि इन पहाड़ियों पर हरयाली भी छा जाएगी.