नई दिल्ली. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की बायोग्राफी पर आधारित फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ शुक्रवार को रिलीज की गई. इस फिल्म में सचिन तेंदुलकर की जिंदगी से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को दिखाया गया है. सचिन के फैंस के लिए यह फिल्म एक बहुत बड़ा तोहफा है.
आपको बता दें कि यह फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ या ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ जैसी फीचर फिल्म नहीं है, बल्कि ये एक डॉक्यू-ड्रामा है यानि इस फिल्म के कुछ हिस्से, जिनकी असल फुटेज उपलब्ध नहीं थी, सिर्फ उन्हीं दृश्यों का नाट्य रूपांतरण किया गया है, जैसे सचिन का बचपन दिखाने के लिए. इसके अलावा पूरी फिल्म इंटरव्यूज, घर पर बनाए गए वीडियो, तस्वीरों और प्रसारित क्रिकेट मैचों की फुटेज के सहारे आगे बढ़ती है.
भले ही आप क्रिकेट या सचिन के बहुत बड़े प्रशंसक न हों, इसके बावजूद पूरी फिल्म में आपकी उत्सुकता बनी रहेगी. इस फिल्म में बहुत कुछ ऐसा है जो न सिर्फ एक क्रिकेट फैन बल्कि एक नॉन क्रिकेट फैन भी जानना चाहेगा. जैसे सचिन जब जल्दी आउट हुए तो उन्होंने क्या सोचा, पाकिस्तानी टीम ने उन्हें पहली बार देखा तो क्या बोला, शेन वॉर्न की गेंदों का सामना करने के लिए उन्होंने क्या तैयारी की या फिर उनकी पत्नी अंजलि और उनके बीच किस तरह हुई प्यार की शुरुआत. यानी इस फिल्म में बहुत से ऐसे अनछुए पहलू और किस्से हैं जो आपको शायद न मालूम हो.
‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ के निर्देशक जेम्स अर्सकाइन हैं और इसे जेम्स अर्सकाइन व शिवकुमार अनंत ने लिखा है. इस फिल्म को संगीत, म्यूजिक मास्टर ए आर रहमान ने दिया है. इस फिल्म की खामियों की बात करें तो इसमें सिर्फ दो जगह इसके स्क्रीनप्ले में छोटी-छोटी खामियां लगीं क्योंकि दो जगह सचिन की कहानी धाराप्रवाह चलते-चलते झटके के साथ कहीं और चली जाती है. एक जगह जहां सचिन अपनी और टीम की बल्लेबाजी सुधारने की बात करते हैं और दूसरी जगह उनके कप्तान बनने पर टीम में जब असंतुष्टि की बात होती है. इसके अलावा बड़ी खूबसूरती से यह फिल्म आगे बढ़ती है. यह भले ही फीचर फिल्म न हो लेकिन यह आपका मनोरंजन भी करती है, आपकी आंखें नम भी करती है और आपको तालियां बजाने पर मजबूर भी करती है.