नई दिल्ली। फिल्मकार संजय लीला भंसाली की 2005 की फिल्म ब्लैक के सेट पर सहायक निर्देशक और उसके बाद फिल्म सांवरिया के साथ अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर का कहना है कि उनका कैमरे के पीछे का अनुभव उन्हें फिल्म निर्माण की अवधारणा को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।
सोनम से जब पूछा गया कि क्या कैमरे के पीछे काम करने का अनुभव उनके लिए मददगार रहा है, तो उन्होंने टेलीफोन पर आईएएनएस से कहा, हां बिलकुल, एक सहायक निर्देशक के रूप में काम करने से मुझे फिल्म के पैटर्न, कैमरों, लाइट्स को समझने में मदद मिली। यह बहुत मददगार रहा है। फिल्म निर्माण केवल एक नाटक को बनाना नहीं है जो केवल एक अभिनेता पर आधारित हो। यह एक संयोजन है। यह सब अन्य चीजों के बारे में भी है।
सोनम ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें उनकी फिल्म नीरजा में बहुत मदद की, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में विशेष नामांकन मिला।

सोनम से जब पूछा गया कि क्या कैमरे के पीछे काम करने का अनुभव उनके लिए मददगार रहा है, तो उन्होंने टेलीफोन पर आईएएनएस से कहा, हां बिलकुल, एक सहायक निर्देशक के रूप में काम करने से मुझे फिल्म के पैटर्न, कैमरों, लाइट्स को समझने में मदद मिली। यह बहुत मददगार रहा है। फिल्म निर्माण केवल एक नाटक को बनाना नहीं है जो केवल एक अभिनेता पर आधारित हो। यह एक संयोजन है। यह सब अन्य चीजों के बारे में भी है।
सोनम ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें उनकी फिल्म नीरजा में बहुत मदद की, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में विशेष नामांकन मिला।