नयी दिल्ली : महीनों से अशांति और कर्फ्यू के दौर से गुजर रहे कश्मीर की वादियों में रविवार का दिन मुस्कान की धूप लेकर आया. गोलियों की आवाज और पत्थरों की मार सहने वाली कश्मीर की सड़कों पर रविवार को लोग नाचते गाते नजर आए. लोगों के खुशी के झूमने की वजह बनी आठ साल की तजमुल इस्लाम. जिस उम्र में बच्चे शैतानी करते हैं, तजमुल ने उस उम्र में गोल्ड मैडल जीतते हुए वर्ल्ड सब-जूनियर किक बॉक्सिंग का खिताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया. लोगों ने तजमुल के इस जीत का जश्न मनाया.
इटली में हुए इस प्रतियोगिता के बारे में बात करते हुए तजमुल ने कहा कि मैं इटली जाने से पहले नर्वस थी, लेकिन मेरे कोच ने मुझे साहस दिया. फिर मैंने भारत और कश्मीर के बारे में सोचा और फाइनली मैंने यह कर दिखाया. आठ साल की तजमुल को सेना ने ट्रेनिंग दी है. तजमुल इससे पहले दिल्ली में साल 2015 में हुए किक बॉक्सिंग सब जूनियर कैटोगेरी में भी गोल्ड अपने नाम कर चुकी हैं.
तजमुल क्लास टू की छात्रा है और बंदीपोरा में आर्मी द्वारा चलाए जा रहे गुड विल नाम के स्कूल में पढ़ती हैं. तजमुल के पिता बेटी के इस हौसले पर नाज करते हैं और कहते है कि तजमुल बेहद तेज स्टूडेंट है. अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा करते हुए अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को देती हैं.
छोटी सी उम्र में बड़े कारनामे कर चुकी तजमुल के हौसले और उपलब्धी को देखते हुए सेना ने एक लाख रुपये का इनाम देकर उन्हें सम्मानित किया. साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी तजमुल को 50 हजार रुपये इनाम के बतौर दिया. फिलहाल तजमुल बिहार में होने वाले बॉक्सिंग चैंपियनसिप के लिए खुद को तैयार कर रही हैं.