नई दिल्ली : कश्मीरी अलगाववादियों पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से हर वर्ष लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। यह खर्च केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा उठाया जाता रहा है। जिसमें से सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च ही प्रदेश सरकार देती है।बाकी खर्च केंद्र सरकार को बहन करना पड़ता है।
सूत्रों के मुताबिक 950 जवान अलगाववादियों की सुरक्षा में लगे रहते है। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अलीशाह गिलानी को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। वर्तमान में 950 जवानों को अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में तैनात कर रखा गया है।
मीरवाइज उमर फारूक हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के नेता हैं। इन्होंने अमेरिकी महिला शीबा मसूदी से शादी की है। ये अपनी बेटी के साथ अमेरिका में ही रहती हैं। फारूक की बहन राबिया एक डॉक्टर हैं और वो भी अमेरिका में ही रहती हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, 2015 तक पिछले पांच सालों में जम्मू कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात कर्मियों को 309 करोड़ रुपये वेतन दिए।
सरकार इनकी सुरक्षा के अतिरिक्त इनके लक्ज़री बिल का भी भुगतान करती है। इसमें होटल में ठहरने का खर्च और गाड़ी के पेट्रोल का बिल भी शामिल है।
खबर के मुताबिक प्रदेश सरकार अलगाववादियों के होटल में ठहरने पर २१ करोड़ सालाना खर्च करती है। इनकी विदेश यात्राओं पर और गाड़ी के ईंधन पर २६. ४३ करोड़ खर्च किये जाते हैं।