श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू के 50 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. हालात को नियंत्रित करने को लेकर लेकर मोदी सरकार लगातार काम कर रही है. कल पीएम ने मन की बात में कश्मीर के हालात का जिक्र किया. वहीं इस साल अबतक करीब 71 लोगों की जान जा चुकी है और 9000 हजार से ज्यादा लोग झड़पों में घायल हुए हैं. इन सब के बीच 6400 करोड़ रुपए का नुकसान कश्मीर में हो चुका है. अब लोग खाने-पीने को तरस रहे हैं. लगातार कर्फ्यू और अलगाववादियों के बंद ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बड़ी परेशानियां खड़ी कर दी हैं. बाज़ार बंद हैं. खाने पीने की चीज़ों की कमी हो गयी है. यहां तक की बुज़ुर्गों के लिए दवाईयां भी नहीं मिल पा रही हैं.
जेब में पैसे होते हुए भी कुछ नहीं मिल रहा है. सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं. स्कूल कॉलेज बंद हैं. पढ़ाई ठप्प हो चुकी है. जिनकी परीक्षाएं हैं और जिन्हें नौकरी के लिए इंटरव्यू देना है, उनके लिए तो परेशानी दोहरी है. एक तरफ प्रदर्शनकारियों के पत्थर हैं तो दूसरी तरफ पुलिस के डंडे. यहां तक की सरकारी कर्मचारियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कुल मिला कहें तो आतंकी बुरहान वाणी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में खराब हुए हालातों ने यहां के लोगों की ज़िंदगी अस्त व्यस्त कर दी है. लोगों की समझ में नहीं आ रहा कि वो इस मुसीबत से कैसे निकलें. हर गुज़रते के दिन के साथ उनकी परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं.