नई दिल्ली : हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में बिठाने के लक्ष्य के साथ सरकार ने हवाई सम्पर्क की नयी योजना उड़ान को लांच किया है. उड़ान यानी उड़े देश का हर आम नागरिक के जरिए सरकार की कोशिश गैर सेवा या कम सेवा वाले हवाई अड्डों के बीच उड़ान की सुविधा मुहैया कराना है. इसमें 500 किलोमीटर की उड़ान के लिए ज्यादा से ज्यादा किराया ढ़ाई हजार रुपये तय की गयी है.
घरेलू हवाई रास्तों पर सितम्बर के महीने में 82 लाख के करीब लोगों ने सफर किया. सरकार कहती है कि सवा अरब से भी ज्यादा की आबादी वाले देश में घरेलू हवाई यात्रियों की मौजूदा संख्या बहुत ही कम है. अब इसी को बढ़ावा देने के लिए एक नयी योजना उड़ान यानी उड़े देश का हर आम नागरिक शुरू की गयी है. योजना के तहत देश के गैर सेवा या फिर कम सेवा वाले हवाई अड्डों के जरिए छोटे-छोटे शहरों और बड़े शहरों के बीच हवाई सम्पर्क शुरू करने का प्रस्ताव है. सरकार को उम्मीद है कि योजना के तहत सेवा जनवरी से शुरू हो जाएगी.
इस योजना के तहत एयरलाइन कंपनियां आम हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, सी प्लेन या एयर एंबुलेस के जरिए 800 किलोमीटर की दूरी तक हवाई सेवा दे सकती हैं. एयरलाइन कंपनियों को अपनी उड़ान में आधी सीटें बाजार कीमत से कम पर मुहैया करानी होगी. लागत और सस्ते किराये के बीच का अंतर सब्सिडी के तौर पर मिलेगा. एयरलाइन कंपनियां एक हवाई जहाज में हर उड़ान पर कम से कम 9 और ज्यादा से ज्यादा 40 सीटें सब्सिडी वाले किराये पर मुहैया करा सकती हैं, जबकि बाकी सीटें बाजार कीमत पर उपलब्ध होंगी. आम हवाई जहाज से 500 किलोमीटर तक की उड़ान और हेलिकॉप्टर से आधे घंटे की उड़ान के लिए सब्सिडी वाले किराये की ऊपरी सीमा 2500 रुपये होगी, जबकि 800 किलोमीटर के लिए ये रकम 3500 रुपये होगी
देश में इस समय कुल 125 हवाई अड्डे पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन इनमें से केवल 76 से ही नियमित उड़ानें मुहैया करायी जाती हैं. इसके अलावा करीब 350 हवाई पट्टियां भी उपलब्ध है. अब सरकार कह रही है कि 50 हवाई अड्डों को नयी शक्लों सूरत दी जाएगी.
इसके साथ ही आगरा, इलाहाबाद, ग्वालियर, पंतनगर, जामनगर और भावनगर समेत 16 हवाई अड्डे ऐसे हैं जहां हर हफ्ते सात उड़ान भी मुहैया नहीं करायी जाती. अब इन शहरों से क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क तुरंत शुरू किया जा सकता है. इसी तरह राजस्थान में बीकानेर और तमिलनाडु में सेलम और कडप्पा से ऐसे हवाई अड्डे हैं जहां से अभी कोई सेवा नहीं, लेकिन क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क के तहत उड़ानें तुरंत शुरू की जा सकती हैं. फिलहाल, एयरलाइन कंपनियों को विभिन्न शहरों के लिए हर सीट पर सब्सिडी के लिए बोली लगानी होगी. एयरलाइन कंपनियों के रुख के आधार पर तय होगा कि पहली उड़ान कहां से शुरू होगी.