नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित को यूपी में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. यह घोषणा पार्टी ने राज बब्बर को प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाए जाने के ठीक दो दिन बाद हुई है. इसके साथ ही पार्टी ने कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह को यूपी में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी. संजय सिंह को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया है. शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद प्रियंका गाँधी को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
कांग्रेस पार्टी के भीतर काफी लंबे समय से किसी बड़े ब्राह्मण चेहरे को यूपी में सीएम कैंडिडेट बनाने पर चर्चा चल रही थी और आखिरकार शीला दीक्षित के नाम पर मुहर लगी है. कांग्रेस के लोगों का मानना रहा है कि अगर कांग्रेस यूपी में ब्राह्मण को एकजुट करने में कामयाब हो जाती है तो दूसरे लोग भी साथ आ जाएंगे. कांग्रेस नेताओं का ये भी मानना रहा है कि शीला दीक्षित ने बतौर सीएम दिल्ली में बहुत ही अच्छा काम किया है और उनकी इस छवि के सहारे यूपी को जीता जा सकता है.
कांग्रेस यूपी पिछले 26 सालों से यूपी की सत्ता से बाहर है. कांग्रेस की अंतिम सरकार 1989 तक थी, जब मुख्यमंत्री सीएम एनडी तिवारी थे. उसके बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं आई. पिछले 2 साल से कांग्रेस का प्रदर्शन लोकसभा और विधानसभा में भी निराशाजनक रहा है. ऐसी स्तिथि में यूपी चुनाव कांग्रेस पार्टी की डूबती नैया को बचने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस चुनाव में कांग्रेस किसी भी तरह की गलती नहीं करना चाहती है और हर कदम संभल कर चल रही है. पार्टी का मानना है कि शीला दीक्षित की बेदाग़ छवि, सभी समाज में स्वीकार्यता और ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस की खोई ताकत में जान फूंक सकता है. पार्टी को सत्ता में ला सकता है.
बताते चलें कि शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में 31 मार्च 1938 को हुआ. लेकिन उन्होंने शिक्षा से लेकर राजनीति की जमीन दिल्ली में बनाई. दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूाल से दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज तक का सफर तय करने वाली शीला ने दिल्ली में सीएम की सबसे बड़ी पारी खेली. हालंकि, अपने आखिरी विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
शीला का कॉलेज के जमाने में विनोद दीक्षित से प्यार हुआ और जो शादी तक पहुंचा. विनोद दीक्षित आईएएस अफसर रहे. शीला के बेटे संदीप दीक्षित कांग्रेस के सांसद रहे हैं. उनकी एक बेटी लतिका सईद है. शीला दीक्षित दिल्ली का सीएम बनने से पहले 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रही हैं.
शीला का ससुराल यूपी में है और इसके ही मद्देनजर कांग्रेस ने उन्हें अपना सीएम कैंडिडेट बनाया. शीला का ससुराली संबंध यूपी में बड़े कांग्रेसी नेता उमाशंकर दीक्षित के परिवार से है. उमाशंकर दीक्षित केंद्रीय मंत्री के साथ साथ राज्यरपाल भी रहे हैं. मुख्यमंत्री बांये जाने की खबरों के बीच शीला ने यह भी कहा था कि उनका जन्म भले ही पंजाब में हुआ हो, लेकिन वो बहु उत्तरप्रदेश की हैं. उनका असली घर उत्तरप्रदेश है. अब देखना यह है कि शीला दीक्षित पार्टी की नैया को सत्ता की दहलीज तक पहुंचा पाती है या नहीं !