नई दिल्ली : इस्लाम धर्म के विवादित प्रचारक जाकिर नाईक के एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह साल 2012 में गए थे. दिग्विजय सिंह ने जाकिर की तारीफ की थी. जिन जाकिर नाईक पर आज आतंक की ओर उकसाने वाले बयान देने के आरोप लग रहे हैं, उन जाकिर को दिग्विजय सिंह ने ‘शांतिदूत’ बताया था. दिग्विजय सिंह ने जाकिर की जबरदस्त तारीफ की थी.
इस कार्य़क्रम में दिग्विजय ने यहां तक कहा कि देश के मुस्लिम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कारणों का जिक्र तो नहीं किया लेकिन जाकिर नाईक के इस मंच से दिग्विजय ने कहा है कि मुस्लिमों के मन में ये भावना है कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा.
दिग्विजय ने इस मंच से ये भी कहा कि हिंदुओं की जिम्मेदारी है कि वो मुसलमानों मे सुरक्षा की भावना पैदा करे. इसके साथ ही उन्होंने सरकार और न्यायपालिक से भी ऐसा करने की जिम्मेदारी का जिक्र किया. उन्होंने यहां तक कहा कि इतनी भीड़ के सामने उन्हें कभी बोलने का मौका नहीं मिला था.
वहीं दूसरी ओर जाकिर नाईक ने श्री श्री रविशंकर को एक कार्यक्रम में बुलाया था. वहां पर जाकिर ने हिंदू धर्म के बारे में बहुत सी बाते कहीं थी. लेकिन, रविशंकर ने वहां पर कुछ नहीं कहा और बाद में अपने सम्मेलन में कहा कि वो मुर्ख हैं.
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि वे उस कार्यक्रम में गए थे. लेकिन मैंने वहां सिर्फ सांप्रदायिकता के खिलाफ बात की थी. इसके साथ ही सद्भावना के बारे में उल्लेख किया था. गौरतलब है कि जाकिर नाईक पर बैन लगाने की मांग तेज पकड़ चुकी है.