नई दिल्ली : रोज-रोज बदमाशों की हाय-तौबा से बेइज्जत हो रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी पुलिस स्टाइल में गुरुवार की रात दिल्ली से सटे यूपी के मेरठ जिले में तीन बदमाशों को घेर लिया। दोनों ओर से काफी देर तक गोलीबारी हुई। इस खूनी मुठभेड़ में गोलियां लगने से घायल हुए तीनों बदमाशों को तत्काल अस्पताल में दाखिल कराया गया है। मुठभेड़ रात करीब सवा नौ बजे की बताई जाती है।
घटना की पुष्टि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के उपायुक्त (डीसीपी) प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा ने आईएएनएस से बातचीत में देर रात की। कुशवाह के मुताबिक, गोली लगने से घायल हुए बदमाशों का नाम सद्दाम उर्फ गौरी (29), उस्मान (33) और दिलीप (19) है। सद्दाम दिल्ली के बिंदापुर इलाके का रहने वाला है। उस्मान और दिलीप मेरठ के ही रहने वाले हैं।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा ने आईएएनएस से कहा, मेरठ के टीपी (ट्रांस्पोर्ट) नगर इलाके में हुई मुठभेड़ में सद्दाम के दोनों पैरों में, जबकि बाकी दोनों बदमाशों के एक एक पैर में गोली लगी है। जब मुठभेड़ शुरू हुई उस वक्त बदमाश एक कार में सवार थे।
डीसीपी कुशवाहा के मुताबिक, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल टीम की ओर से मुठभेड़ में सहायक पुलिस आयुक्त अतर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार, सहायक उप-निरीक्षक अनिल, हवलदार संजीव तथा यूपी पुलिस वालों पर बदमाशों ने कई राउंड गोलियां चलाईं। बुलेट प्रूफ जैकैट्स ने मगर किसी पुलिसकर्मी को कोई नुकसान नहीं होने दिया।
प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा के मुताबिक, सेल की टीम कई दिनों से इन बदमाशों का पीछा कर रही थी। हर बार मगर यह बदमाश इधर-उधर हो जा रहे थे। गुरुवार को शाम के वक्त दिल्ली छोड़कर बदमाशों ने जब यूपी के मेरठ की ओर रुख किया, तब भी हमारी टीमों ने पीछा करना जारी रखा।
डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, सद्दाम और उसके अन्य साथियों ने सन 2014 में यूपी पुलिस की टीम से बागपत में नीरज बबानिया गैंग का एक शार्प शूटर अमित भूरा छुड़ा लिया था। उस वक्त इन बदमाशों ने यूपी पुलिस पार्टी पर हमला बोलने के बाद भागते समय 2 एके-47 राइफल और एक स्वचालित राइफल भी लूट ली थी। सद्दाम कई महीने से दिल्ली के एक मकोका केस में भी फरार चल रहा था। मेरठ में मुठभेड़ में घायल होने वाले तीनों बदमाशों पर यूपी पुलिस का 25-25 हजार का इनाम भी था।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और यूपी पुलिस द्वारा मुठभेड़ का यह संयुक्त ऑपरेशन लंबे समय बाद अमल में लाया जा सका है। अब तक दिल्ली में आई बदमाशों और अपराधों की बाढ़ से यही कहा जा रहा था कि दिल्ली पुलिस ठंडी पड़ चुकी है। हालांकि करीब एक डेढ़ साल पहले दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (डीसीपी संजीव कुमार यादव की टीम) की ही दूसरी टीम ने दिल्ली के छतरपुर इलाके में रुह कंपा देने वाले एक एनकाउंटर को अंजाम दिया था, जिसमें एक ही कार में सवार हरियाणा और दिल्ली में कोहराम मचाने वाले चार बदमाश मारे गये थे। तब के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा की टीम) का यह कोई दूसरा और बड़ा पुलिस एनकाउंटर कहा जा सकता है।