न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में विश्वविद्यालय को अकादमिक सत्र 2017-18 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा तय 1,440 सीटों के खिलाफ 2,310 छात्रों को प्रवेश लेने की इजाजत दी है।अदालत का यह आदेश वकील जोगिंदर कुमार सुखीजा के बीसीआई के सीटें कम करने के फैसले के खिलाफ दी गई जनहित याचिका पर आया है।
पीठ ने कहा, सीटों की संख्या कम मत कीजिए। छात्र पढ़ना चाहते हैं, उन्हें पढ़ने दीजिए। डीयू अभी तक 2310 छात्रों को पढ़ा रहा है। आप (बीसीआई) ने सीटों को कम करके आधा करने का फैसला किया है। हमें मामले पर फैसले के लिए समय की जरूरत है। तब तक 2,310 को पढ़ने दीजिए।
अदालत ने बीसीआई से कहा, उनका (डीयू) संकाय अदालत की बेहतरीन शिक्षा देने वालों में से एक है। वह बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करते हैं, उन्हें एक अवसर दीजिए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय कर दी।
डीयू ने कानून स्नातक कोर्स में सीटों की कमी का विरोध किया था। डीयू ने कहा था कि उसने अपना बुनियादी सुविधाएं व शिक्षक संकाय की संख्या में सुधार किया है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने बार काउंसिल से डीयू के एलएलबी कोर्स में सीटों के बढ़ाने के प्रारूप पर विचार करने को कहा था।
पीआईएल में दावा किया गया है कि यदि सीटों में कमी की जाती है तो बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित होंगे।
Powered by WPeMatico