नई दिल्ली : ब्रेक्सिट की तर्ज पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली में जनमत संग्रह की मांग उठाई है। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यूके के जनमत संग्रह के बाद अब जल्द ही दिल्ली में भी पूर्ण राज्य के लिए राय शुमारी होगी। केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि केजरीवाल को ब्रिटेन का नशा चढ गया है क्या? देश संविधान से चलता है। जिसको जो काम दिया गया है वो करना चाहिए।
केजरीवाल हर वो काम कर रहे हैं जिससे वो सुर्खियों में रहें। उन्होंने ब्रेक्सिट की तरह दिल्ली में भी जनमत संग्रह कराने की मांग की है जिसे विपक्ष ने बेतुका करार देकर खारिज कर दिया है। सभी का एक सुर में कहना है कि संविधान में इसका कोई प्रावधान नही है। दरअसल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा केजरीवाल सरकार के एजेन्डे में रहा है और पिछले काफी समय से केन्द्र से कई मुद्दों पर केजरी सरकार की अनबन चल रही है। केजरीवाल ने दिल्ली में ये कहते हुए जनमत संग्रह की बात उठाई है की दिल्ली वालों को ये फैसला लेने का हक होना चाहिए। मगर विपक्ष इसके लिए रेफरेंडम कराने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है।
उधर केंद्र सरकार ने मंजूरी के लिए भेजे गए दिल्ली सरकार के 14 बिल वापस लौटा दिए हैं। गृह मंत्रालय की दलील है कि केजरीवाल सरकार ने बिल भेजे जाने से पहले नियमों का पालन नहीं किया। इन 14 बिलों में जनलोकपाल बिल, लेबर बिल और प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने वाला बिल शामिल हैं। मंत्रालय का कहना है कि बिल भेजने से पहले दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से इस बारे में राय नहीं ली। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार की नीयत ठीक नहीं है।