नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता यानी सबके लिए एक जैसे कानून पर क़ानून मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद इस पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। जहां बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों ने मोदी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस समेत कई मुस्लिम संगठनों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस यूपी चुनावों से पहले इसे ध्रुवीकरण की कोशिश बता रही है जबकि सरकार की दलील है कि संविधान के 44वें अनुच्छेद में सबके लिए एक जैसे क़ानून की बात की गई है और इसे आम राय से लागू करना चाहिए।
अलग-अलग मौकों पर केंद्र सरकार और उसकी नीतियों का विरोध करने वाली शिवसेना ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत करते हुए शिवसेना ने कहा कि यह कानून बहुत पहले ही देश में लागू हो जाना चाहिए था।
बताते चलें कि सामान आचार संहिता लागू हो जाने के बॉस देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान क़ानून लागू हो जाएगा. अभी हिन्दू-मुसलमान के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ और कानून हैं। प्रॉपर्टी, शादी, तलाक़ के लिए अलग-अलग क़ानून है।