नई दिल्ली:प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लोकसभा मतदान पर नामांकन करने के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भाजपा पर सबका साथ सबका विकास के नारे को छोड़कर खुली हिंदुवादी-सैन्यवादी-अराजकतावाद अपील को अपनाने का आरोप लगया।
माकपा की पत्रिका पीपुल्स डेमोक्रेसी में छपे एक संपादकीय में कहा गया, यह उन लोगों के लिए एक खतरे की घंटी है, जो इस बात को अब भी मानते हैं कि (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) मोदी विकास के मुद्दे पर खड़े हैं। अब भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
भाजपा द्वारा भोपाल सीट से प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन दाखिल कराने पर इसमें कहा गया है, चुनाव के लिए वास्तविक मंच की घोषणा कर दी गई है, जिसमें सिर्फ कट्टरपंथी हिंदुत्व और नकारत्मकता को जगह दी गई है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर वर्ष 2008 के मालेगांव बम धमाके में आरोपी है जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। आरोप-पत्र में कहा गया है कि धमाके में जिस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था वह साध्वी प्रज्ञा की थी।
संपादकीय में कहा गया है, एक आतंकी हमले में आरोपी को बीजेपी की तरफ से टिकट दिया गया.. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पिछले कुछ सालों में, प्रज्ञा ठाकुर की कट्टर हिंदुत्व और मुस्लिम विरोधी सोच सामने आई है।
प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर माकपा ने मोदी की आलोचना की।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि प्रज्ञा की उम्मीदवारी उन लोगों को जवाब है जो वसुधैवकुटुंबकम को मानने वाली 5,000 साल पुरानी सभ्यता को बदनाम करते हैं। एक दूसरे भाषण में मोदी ने उन लोगों की निंदा की जिन्होंने हिंदू आतंक की बात कर पूरे हिंदू समाज का अपमान किया।
संपादकीय में कहा गया, इस दावे की बेरुखी सभी कारणों को बचाती है। नाथूराम गोडसे से लेकर 2012 में गुजरात पोग्रोम तक, दाभोलकर, पनसरे, कलबुर्गी और लंकेश की हत्याओं में – हिंदुत्व के आतंक का एक लंबा दौर है।
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