नई दिल्ली : देशभर में मानसून की प्रगति के साथ खरीफ फसलों की बुवाई में भी सुधार हुआ है, खासतौर से प्रमुख खरीफ दलहन अरहर और तिलहनों में सोयाबीन का बुवाई क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हो गया है, हालांकि सीजन की सबसे प्रधान फसल धान का रकबा अभी तक घटा हुआ है। कपास का रकबा शुरू से ही पिछले साल से ज्यादा बना हुआ है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से इस सप्ताह जारी बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई 975.16 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जबकि पिछले साल अब तक 997.67 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी थी। इस प्रकार सभी खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा पिछले साल से 22.51 लाख हेक्टेयर कम है।
किसानों ने पिछले साल अब तक कुल 357.97 लाख हेक्टेयर जमीन में धान की फसल लगाई थी, लेकिन इस साल अब तक धान का रकबा 334.92 लाख हेक्टेयर है। मतलब, धान का रकबा पिछले साल से 23.04 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है।
दलहनों की बुवाई 124.56 लाख हेक्टेयर में हुई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में दलहनों का रकबा 128.53 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार दलहनों की बुवाई पिछले साल से छह लाख हेक्टेयर यानी 3.97 फीसदी कम है। लेकिन अरहर का रकबा 43.43 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल 43.26 लाख हेक्टेयर था।
तिलहनों की बुवाई करीब 167.89 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल अब तक तिलहनों की बुवाई का रकबा 167.55 लाख हेक्टेयर हो चुका था। तिलहनों में सोयाबीन का रकबा 112.51 लाख हेक्टेयर हो चुका है जबकि पिछले साल 111.50 लाख हेक्टेयर था।
मोटे अनाजों की बुवाई 165.03 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल अब तक 164.09 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी।
किसानों ने पिछले साल अब तक 116.85 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की थी जबकि इस साल 123.54 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल लग चुकी है। इस प्रकार कपास का रकबा पिछले साल से 6.70 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।