नई दिल्ली : भारतीय मुद्रा बाजार में 8 नवंबर की रात से केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब बड़ा बदलाव आ गया है। 500 और 1000 के पुराने नोट चलन में अब नहीं है। 500 रुपये का नया नोट और 2000 रुपये की नई करेंसी बाजार में आ चुकी है। 500 और 1000 के नोट अब अमान्य हो चुके हैं।
भारत में नोटों और सिक्कों को जारी करने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक के पास होता है, लेकिन रिजर्व बैंक को एक रुपए के नोट को छापने की अनुमति नहीं है। एक रुपए के नोट को छोड़कर बाकी सभी नोटों और सिक्कों को जारी करने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक को है, जबकि एक रुपए का नोट वित्त मंत्रालय जारी करता है। करेंसी नोट देश के कुछ हिस्सों में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं जिनमें एक महाराष्ट्र का नासिक भी शामिल है। जबकि सिक्कों के निर्माण के लिए जो चार टकसाल हैं वह मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और यूपी के नोएडा में है।
500 रुपए के एक नोट को छापने में 3.58 रुपए का खर्च होता है। (बाजार में नया नोट आ चुका है।) 1000 रुपये के एक नोट को छापने में 4 रुपए छह पैसे का खर्च होता है। (यह नोट अब चलन में नहीं है।)
वहीँ, 5 रुपए के एक नोट को छापने में 50 पैसे का खर्च होता है। 10 रुपए के एक नोट को छापने में एक रुपये से कम यानी 69 पैसे का खर्च होता है। 20 रुपए के एक नोट को छापने में एक रुपये 50 पैसे का खर्च होता है। 50 रुपए के एक नोट को छापने में 1.81 रुपये का खर्च होता है। 100 रुपए के एक नोट को छापने में 1.79 रुपए का खर्च होता है।