देवरिया : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले किसानों तक पहुंच कायम करने के प्रयासों के तहत राहुल गांधी की खाट सभा ने मंगलवार को पार्टी को उस समय असहज स्थिति में डाल दिया जब इस प्रकार के पहले कार्यक्रम में शामिल होने आए लोग सभा के बाद हजारों खाट उठा ले गए और वहां अराजक स्थिति पैदा हो गयी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया से 2500 किलोमीटर लंबी किसान महायात्रा शुरू की और उन्होंने पहली खाट सभा की जहां उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ संवाद कायम किया। राहुल ने ऋण माफी, बिजली शुल्क में कटौती, कृषि उत्पादों के लिए अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि कई वायदे किए। लेकिन उनके वहां से जाने के बाद ही अराजक स्थिति पैदा हो गयी तथा लोगों में खाट लूटने की होड़ मच गयी। इसमें पुरूष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे जो चारपाइयां अपने घर ले गये।
इस दौरान मामूली कहासुनी भी हुयी और पुलिसकर्मी निष्क्रिय बने रहे । उन्होंने किसी को भी खाट ले जाने से नहीं रोका। इस बारे में पूछे जाने पर एक ग्रामीण ने कहा कि क्या है कि राहुल जी ने ही दिया है। राहुल के साथ यात्रा कर रहे नेताओं ने इस मुद्दे पर आलोचना को नकार दिया और कहा कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी पर हमला बोलने से विपक्ष पर उलटा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी इन खाटों का खासा महत्व है। पार्टी ने पूरे अभियान के लिए दस हजार खाटों की व्यवस्था की है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि इस मुद्दे को जो कोई कमतर करने का प्रयास करता है वह निर्धन ग्रामीणों के प्रति अन्याय करेगा। इस देश में कुछ लोग हजारों करोड़ रूपए ले गए लेकिन जब कुछ ग्रामीण खाट जैसी चीज अपने घर ले गए तो शोर शुरू कर दिया गया। यह भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। राहुल जिस मंच से लोगों को सम्बोधित कर रहे थे वहां कुर्सियों के बदले चारपाइयां लगी थीं। उन खाटों पर कांग्रेस के नेता बैठे थे। इसके अलावा श्रोताओं के बैठने के लिये भी खाटों का ही इंतजाम किया गया था।