लखनऊ : उत्तर प्रदेश में साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुट गई हैं. एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी नई टीम की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी राज बब्बर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी के बिखरे हुए तिनके को एक जगह करने में जुट गई है. यूपी संगठन में फेरबदल की कवायद शुरू कर दी है.
बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार देर रात अपनी नई टीम की घोषणा कर दी. नई टीम में कई लोगों के कद बढ़ाए गए हैं. प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी गई है. महामंत्री और उपाध्यक्ष के पदों पर ज्यादातर बड़े चेहरों को दोबारा मौका मिला है. पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह राजू को प्रदेश उपाध्यक्ष, जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को प्रदेश में महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गोपाल टंडन को भी उपाध्यक्ष पद बरकरार रखा गया है. प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक को प्रदेश महामंत्री बनाया गया. पाठक पहले यूपी प्रवक्ता की हैसियत से काम कर रहे थे. पार्टी ने 15 उपाध्यक्षों में सांसद शिव प्रताप शुक्ला, राजवीर सिंह राजू, धर्मपाल सिंह, गोपाल टंडन, डा.सतपाल सिंह, प्रकाश शर्मा, बाबूराम निषाद, मेरठ की कांता कर्दम, दयाशंकर सिंह, जसवंत सैनी, अश्वनी त्यागी, सुरेश राणा, रामनरेश रावत, राकेश त्रिवेदी और शाहजहांपुर से जेपीएस राठौर शामिल हैं.
पार्टी ने कुल 8 महामंत्री बनाए हैं जिनमें स्वतंत्र देव सिंह पटेल, पंकज सिंह, अनुपमा जायसवाल, सलिल बिश्नोई, विद्यासागर सोनकर, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, सुनील बंसल शामिल हैं.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राजबब्बर ने भी अपनी तैयारी शुरू करते हुए चार नए प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए हैं. प्रत्याशियों का चयन करने वाली प्रदेश अनुवीक्षण समिति (स्क्रीनिंग कमेटी) का अध्यक्ष निर्मल खत्री को बनाया गया है. राजबब्बर ने चार उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है, जिनमें सहारनपुर के इमरान मसूद भी शामिल हैं. इमरान ने लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद बयान दिए थे.
जाने-माने फिल्म अभिनेता राज बब्बर का जन्म यूपी के टूंडला में हुआ है. राजबब्बर ने 1989 में राजनीतिक पारी शुरू की थी. उन्होंने जनता दल के सहारे राजनीति में कदम रखे और बाद में एसपी में शामलि हुए. 2005 तक वह एसपी में रहे और मुलायम के काफी करीबी माने जाते रहे. 2006 में पार्टी विरोधी गतिविधियिों का आरोप लगाकर बब्बर को एसपी से निकाल दिया गया. एसपी से निकाले जाने के दो साल बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए. 2009 के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर ने मुलायम की बहू डिंपल यादव को हराया था. वह दो बार यूपी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं और इस समय उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद हैं.