डेस्क : सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) सरकार से काफी खफा नजर आ रहे हैं। सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि हाल ही में केंद्र सरकार और किसान संगठनों के साथ बातचीत हुई है, जिसमें यह तय हुआ है कि चर्चा जारी रहेगी और इसके जरिए ही समाधान निकाला जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश ने इसपर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार इस मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रही है, हम उससे खुश नहीं हैं। हमें नहीं पता कि आपने कानून पास करने से पहले क्या किया? गौरतलब हो कि शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में कानूनों को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डालने का सुझाव दिया था।
इसके साथ ही सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच मतभेद दूर करने के लिए समिति बनाने की भी बात कही थी। लेकिन, अभी तक सिर्फ बातचीत ही हुई है मगर कोई हल नहीं निकल पाया है। वहीं किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक बातचीत के जरिए समाधान निकलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। 15 जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक है।
दरअसल, कानून खत्म किए बिना किसान संगठन धरना-प्रदर्शन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार कानूनों में सुधार करने के पक्ष में है, इन्हें रद करने के नहीं। यहीं पेंच फंसा हुआ है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों के प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
जबकि केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि किसानों के साथ उसकी सकारात्मक बातचीत चल रही है और मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा था कि दोनों पक्षों के बीच जल्द ही सहमति बनने की उम्मीद है।