नई दिल्ली : यूपी में चुनाव से पहले मायावती की पार्टी बसपा को एक करारा झटका लगा है. पार्टी के कद्दावर ब्राह्मण नेता और पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उन्होंने आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में ब्रजेश पाठक बीजेपी में शामिल हो गए.
यूपी में आगामी अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में मायावती के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा हैं. ब्रजेश पाठक बसपा को छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले पहले नेता नहीं हैं. इससे पहले विधानसभ में नेता प्रतिपक्ष रहे ,स्वामी प्रसाद मौर्य भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
ब्रजेश पाठक के जाने से बीएसपी की अगड़ा विरोधी छवि को प्रदेश में मजबूती मिलेगी. पिछले दिनों दयाशंकर सिंह गाली कांड के दौरान भी बीएसपी का दांव उलता पड़ता दिखा था. बीजेपी अपने चुनाव प्रचार में लगातार पार्टी छोड़ रहे बीएसपी नेताओं का मुद्दा उठा सकती है और बीएसपी को ब्राह्मण विरोधी करार देने प्रयास भी कर सकती है. जिस सोशल इंजीनियरिंग की मायावती मास्टर मानीं जातीं हैं, बीजेपी उन्हीं का तीर उन पर चला सकती है.
एक बार लोकसभा से और एक बार राज्यसभा से सांसद रहे ब्रजेश पाठक दरअसल इस बात से दुखी थे कि उनके राज्यसभा के कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया. उनकी जगह पर सीनियर लीडर सतीश चंद्र मिश्र और अशोक सिद्दार्थ को राज्यभा भेजा गया.
इसके अलावा जब ब्रजेश पाठक ने पार्टी के सामने उन्नाव से विधानसभा चुनाव लड़ने की बात रखी तो मायवती ने उन्नाव की जगह उनके गृह जनपद हरदोई से उन्हें टिकट दे दिया. इन्हीं सब बातों के चलते ब्रजेश पाठक का कद पार्टी में लगातार कम हो रहा था.
इसी से नाराज ब्रजेश पाठक ने पार्टी छोड़ने का फेसला किया. केंद्रीय मंत्री पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ब्रजेश पाठक के बीएसपी से बीजेपी में आने के सूत्रधार बने हैं.
बताते चलें कि ब्रजेश पाठक पहली बार 2004 में उन्नाव लोकसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. इसके बाद 2009 में चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए राज्यसभा भेजा. ब्रजेश पाठक छात्र राजनीति के दिनों से ही काफी सक्रीय नेता माने जाते हैं. ब्रजेश पाठक लखनऊ यूनिलर्सिटी के प्रेसीडेंट भी रह चुके हैं.