नई दिल्ली : नोटबंदी के फैसले का कांग्रेस पहले दिन से विरोध कर रही है. इसी बीच बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी का दो साल पुराना वीडियो वायरल जिसने बीजेपी की परेशानी बढ़ चुकी है. इस वीडियो में मीनाक्षी लेखी यूपीए की डिमोनेटाइजेशन फैसले का विरोध करती दिख रही हैं
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार ने 2005 से पहले के नोटों को बदलने का फैसला किया था. जिसे बीजेपी ने गलत फैसला बताया था. बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने उस निर्णय को एक गिमिक करार दिया था और कहा था कि यह विदेशी खातों में जमा काले धन के मुद्दे की तरफ से ध्यान हटाने की एक कोशिश है. केजरीवाल ने ट्विटर पर मीनाक्षी लेखी के इस वीडियो को रिट्वीट किया. जिसके बाद ये वायरल हो गया. इस वीडियो में मीनाक्षी लेखी वही बातें कह रही हैं जो आज नोटबंदी के बाद कांग्रेस कह रही है.
तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जनवरी 2014 में काले धन पर रोक लगाने के क्रम में विमुद्रीकरण की घोषणा की थी. लेखी ने उस निर्णय को गरीब विरोधी करार देते हुए कहा था कि इससे उन लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिनके खाते स्विस बैंकों में हैं, बल्कि असर उनपर पड़ेगा जिनके पास भारत में भी कोई बैंक खाता नहीं है.
लेखी ने कहा था कि वास्तव में जिनके पास काला धन है, वे उसे नए नोटों से बदल लेंगे. पीड़ित आम औरतें और आम आदमी है, जो अनपढ़ हैं और उनके पास बैंकिंग सुविधा सुलभ नहीं है. लेखी ने कहा था कि जिन्होंने कुछ पैसे बचा कर रखे हैं, और उनके पास कोई बैंक खाता नहीं है, उनके जीवन की कमाई निशाने पर होगी.
योगेंद्र यादव ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा वही कर रही है जिसके लिए उसने कांग्रेस का विरोध किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की थी कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट आधी रात से अवैध हो जाएंगे. इस घोषणा के बाद देशभर में बैंकों और एटीएम पर नए नोटों के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं.