नई दिल्ली/चंडीगढ़ : पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बीजेपी ने सख्त तेवर अपना लिया है. बीजेपी ने साफ कर दिया है कि सिद्धू के लिए पार्टी में सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि पार्टी मान-मनौव्वल तो दूर अब उनके चाहने पर भी आने नहीं देगी.
सूत्रों के अनुसार भाजपा की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीजेपी आलाकमान ने अपने सभी नेताओं को हिदायत दे दी है कि सिद्धू से कोई भी बात नहीं करेगा. उधर, सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों के बीच आप में भी विरोधी सुर उठने लगे हैं. संकेत मिल रहे हैं कि आप के अंदर भी सिद्धू को सीएम कैंडिडेट बनाने पर विरोध उठ सकता है.
इससे पहले बीजेपी नेता प्रभात झा का कहना है कि सिद्धू ने इस्तीफा देकर ठीक नहीं किया, सिद्धू की हैसियत बीजेपी से है. इसी से अंदाजा लगा था कि बीजेपी इस बार सिद्धू को मनाने आदि का कोई प्रयास नहीं करेगी. इस बीच सिद्धू की पत्नी ने साफ किया कि राज्यसभा की सदस्या से इस्तीफा देने का मतलब ही यही है कि सिद्धू ने बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले यह साफ नहीं था कि उन्होंने बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है या नहीं.
गौरतलब है कि इस्तीफे के साथ एक शपथ पत्र भी था जिसमे सिद्धू ने लिखा था कि उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया जाए. उनपर पार्टी का दवाब पड़ सकता है ऐसे में उनको इस्तीफा वापस लेना भी पड़ सकता है और वे इस्तीफा वापस नहीं लेना चाहते हैं. सभापति ने भी शपथ पत्र के साथ इस्तीफे को स्वीकार कर लिया.
सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिद्धू केंद्र में मंत्री बनाये जाने का सपना देख रहे थे. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली और वे नाराज़ चल रहे थे. आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है क़ि सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे उनको मुख्यमंत्त्री का चेहरा भी बनाया जा सकता है लेकिन अभी ये तय नहीं किया है. अगले एक दो से तीन दिनों में आम आदमी पार्टी चंडीगड़ में नवजोत सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर की आप में शामिल करने की घोषणा कर सकती है.
बताते चलें कि सिद्धू पहले खुद को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे. अकाली दल से गठबंधन तोड़ अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में थे. लेकिन, पार्टी ने तब उन्हें राज्य सभा में भेजने का वायदा कर सिद्धू को अपनी मांग से पीछे हटने पर मज़बूर कर दिया था. लेकिन, सिद्धू आप के संपर्क में आ चुके थे और उनकी पत्नी नवजोत कौर लगातार आम आदमी पार्टी के संपर्क में थी.