पटना : बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ अब दसवीं से कृषि की पढ़ाई होगी। 2017 से दसवीं की बायोलॉजी में कृषि का एक अध्याय शामिल किया जायेगा। कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने इसके लिए सिलेबस तैयार कर लिया है।
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह इंद्रधनुषी क्रांति के नाम से जाना जायेगा। इसकी पढ़ाई की जिम्मेवारी बायोलॉजी के शिक्षकों को सौंपा जायेगा। बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां दसवीं से कृषि की पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि बिहार बोर्ड में पढ़ने वाले छात्रों को यह विषय पढ़ना अनिवार्य किया जायेगा। विशेषज्ञों द्वारा तैयार अध्याय में बिहार में खेती के इतिहास की चर्चा की गयी है। छात्रों को दस हजार साल पुरानी खेती से लेकर आज तक के हुए परिवर्तन के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी जायेगी।
खबर के मुताबिक कृषि विभाग के वैज्ञानिक अनिल कुमार झा ने इस अध्याय तैयार किया है। इसे अब नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) को भेजा गया है। मंजूरी मिलने पर एससीइआरटी बायोलॉजी में इसे शामिल करेगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि कृषि रोड मैप में स्कूली छात्रों को भी खेतीबारी की जानकारी देने का प्रावधान किया गया है। इसलिए राज्य सरकार ने राज्य के 14 जिलों में इंटर में कृषि की पढ़ाई शुरू करवा चुकी है। इसके लिए दो सिलेबस तैयार किया गया है। एक केमेस्ट्री और दूसरा बायोलॉजी के साथ कृषि और दूसरा भौतिकी और केमेस्ट्री के साथ बायोलॉजी होगा।
जानकारी के मुताबिक अब तक आइएससी कृषि में लगभग तीन सौ से अधिक छात्रों ने नामांकन ले भी लिया है। कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने दसवीं में कृषि की पढ़ाई के लिए बायलोजी में एक अध्याय शामिल करने की पुष्टि की है।