रचना प्रियदर्शिनीः बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के अवसर पर बोइशखी टीवी (Boishakhi) ने बांग्लादेश में पहली बार एक ट्रांसजेंडर को न्यूज एंकर के रूप में नियुक्त किया है, जिसका नाम है- तश्नुवा आनन शिशिर. 29 वर्षीया तश्नुवा एक टैलेंटेड डांसर, मॉडल, एक्टर और एक वॉयस आर्टिस्ट भी हैं. तश्नुवा आनन शिशिर ने बतौर न्यूज प्रजेंटेटर के रूप में अपनी नयी पारी का आगाज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च से करेंगी. द डेली स्टार के मुताबिक, तश्नुवा आनन शिशिर ने 2007 में थिएटर मंडली ‘नटुआ’ के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. वह दो साल से अधिक समय तक थिएटर मंडली ‘बोटटोला’ का भी हिस्सा रही हैं, इस दौरान कई प्रस्तुतियों में वह अहम भूमिका में दिखीं. इस साल वह दो फीचर फिल्मों में दिखायी देनेवाली हैं.
लोग उड़ाया करते थे मज़ाक
अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए तश्नुवा का कहना है, ”मैं बांग्लादेश के एक रुढ़िवादी मुस्लिम परिवार में एक लड़के के रूप में पैदा हुई थी. बावजूद इसके बचपन से ही मेरा व्यवहार थोड़ा फेमिनिस्टिक था. इस वजह से अक्सर लोग मेरा मजाक उड़ाया करते थे. कुछ लेाग मुझे मानसिक रूप से बीमार समझते थे. यहां तक कि मेरे परिवार ने भी मेरी स्थिति को नहीं समझा. लगातार ऐसी बातों और व्यवहारों को झेलने की वजह से अक्सर मेरे मन में यह सवाल उठता था कि ‘मैं कौन हूं?” समय के साथ जैसे-जैसे मैंने अपनी वास्तविक पहचान को स्वीकार करना शुरू किया, तो तय किया कि मुझे यह साबित करना ही होगा कि इस समाज में मेरा भी अस्तित्व है. ”
तश्नुवा का क्रांतिकारी कदम
इस जॉब के लिए अप्लाई करने से पूर्व तश्नुवा ने एक प्राइवेट न्यूज नेटवर्क के साथ काम करते हुए कई महीनों तक कार्य अनुभव लिया. वह कहती हैं- ”न्यूज रूम से जाने से पूर्व मैं बहुत ही नर्वस थी. साथ ही, बेहद इमोशनल भी फील कर रही थी, लेकिन दूसरी ओर दिमाग में यह भी ख्याल था कि अगर मैंने अपना काम बखूबी किया, तो इससे मेरे ही जैसी कई सारी ‘तश्नुवा’ की जिंदगी संवर सकती है.” बुलेटिन के दौरान तश्नुवा ने कहा था-
”यह एक क्रांतिकारी कदम है, जो कि लोगों की सोच बदल सकता है.”
इससे पूर्व बोइशखी टीवी चैनल के दुलाल खान के अनुसार दो ट्रांसजेंडर महिलाओं को हमारे चैनल की न्यूज और नाटक टीम में नियुक्त किया है. बांग्लादेश में किन्नरों की कुल आबादी 160 मिलियन है. वर्ष 2013 में, बांगलादेश की सरकार ने किन्नरों को ‘तृतीय पंथ’ की मान्यता दी थी.