नई दिल्ली : गौरक्षक समूहों की मनमानी की खबरों के बीच बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इस तरह के कृत्यों को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि वो मां समान गायों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे । उन्होंने दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर की गई हत्या को इस तरह के प्रतिघात का उदाहरण बताया।
विहिप के एक शीर्ष नेता ने यह भी कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग कानून और संविधान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं और ढिलाई बरतते है तो ‘इस तरह की घटनाएं होंगी।’ बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पांडेय ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को बलिदान किया गया है। इसलिए अगर गौरक्षकों को बलिदान किया जाएगा तो गाय की तस्करी और उसके वध में शामिल लोगों को नहीं बख्शा जाएगा। दादरी इसका एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि गाय हमारे लिए माता के समान है और गाय पर कोई समझौता नहीं हो सकता। अगर गाय की रक्षा के लिए हमें बलिदान देना पड़ा तो हम तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस संबंध में किसी की जान लेने को तैयार हैं तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि दादरी की घटना इसका उदाहरण है। पांडेय ने यह भी कहा कि डर की भावना पैदा की जानी है ताकि लोग देश में गाय की तस्करी और उसके वध में शामिल नहीं हों। विहिप महासचिव चंपत राय ने कहा कि अगर सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां गाय से संबंधित कानूनों को लागू करने में विफल रहती हैं या जानबूझकर उसकी अनदेखी करती हैं तो इस तरह की हिंसा की घटनाएं होंगी।