हरिद्वार/नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे योजना को तेजी से लागू करने की पहल के तहत 1500 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत वाली 231 परियोजनाएं शुरू की गई है। इसके तहत 100 से अधिक स्थानों पर जलमल शोधन संयंत्र, घाटों के निर्माण एवं रखरखाव समेत कई अन्य पहल को आगे बढ़ाया जायेगा।
इस परियोजना का मकसद पवित्र नदी गंगा के प्रवाह को अविरल एवं निर्मल बनना है और गंगा बेसिन के पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अलावा दिल्ली और हरियाणा में 103 स्थानों पर इस योजना को लागू किया गया है। यहां केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे अभियान के तहत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उमा भारती और महेश शर्मा के अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में 250 करोड रूपये की लागत वाली 43 परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
गंगा के प्रदूषण के लिये अशोधित औद्योगिक कचरे से ज्यादा गलत योजनाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सरंक्षण मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि ‘नमामि गंगे’ अभियान के जरिये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस पवित्र नदी को वर्षों से गंदा किये जाने का प्रायश्चित करने का प्रयास कर रही है।
भारती ने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिये राज्यों से परामर्श करके शीघ्र ‘गंगा एक्ट’ बनाया जायेगा जिससे वर्ष 2018 तक गंगा को निर्मल और अविरल बनाया जा सके। भारती ने कहा, ‘गंगा अशोधित जल के कारण उतनी प्रदूषित नहीं हुई है जितनी वह गलत योजनाओं के कारण हुई हैं। नमामि गंगे के तहत शुरू की गयी परियोजनायें गंगा को वर्षों से गंदा करने के लिये प्रायश्चित करने हेतु एक प्रकार के सुधारात्मक कदम हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान से न केवल गंगा नदी को साफ और इसके अविरल प्रवाह को बनाये रखा जायेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि वर्ष 1985 से पिछले 29 सालों में खर्च गंगा एक्शन प्लान के तहत खर्च किये गये करीब 4000 करोड़ भी बेकार न हों।
आज पूरे देश में करीब 100 स्थानों पर ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत 1500 करोड रूपये की 230 परियोजनाओं की शुरूआत की गयी। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि अभियान के तहत पूरे देश में 1500 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को शुरू कर उमा भारती ने गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इस साल नमामि गंगे के तहत 60 सीवर ट्रीटमेंट संयंत्र और 50 अन्य बडी परियोजनायें शुरू की जायेंगी। बतौर मुख्य अतिथि दिये अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से जो भी दायित्व मिलेगा, उसमें पूर्ण सहयोग के साथ काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए वृक्षारोपण एवं वर्षा के जल को संरक्षण करने के लिए बोनस देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है।