नई दिल्ली. केन्द्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार सुबह दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके अकस्मात निधन से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को गहरा धक्का लगा।
अनिल माधव दवे 61 वर्ष के थे। जन्म 6 जुलाई, 1956 को उज्जैन के पास बड़नगर में हुआ। उन्होंने गुजराती कॉलेज, इंदौर से एम.कॉम किया। वे संघ प्रचारक रहे और शादी नहीं की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इसे निजी क्षति बताया है। पीएम ने शोक जताते हुए कहा, “दोस्त और एक आदर्श साथी के तौर पर अनिल दवे जी के निधन से दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। लोक हित के काम के लिए दवेजी को याद रखा जाएगा। कल शाम ही वो मेरे साथ थे। हमने कुछ पॉलिसी इश्यू पर चर्चा भी की थी। उनका जाना मेरे लिए निजी क्षति है।”
प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी, सोनिया गांधी समेत कई नेताओं ने केंद्रीय मंत्री के निधन पर शोक जताया।
अनिल माधव दवे 2009 से मध्य प्रदेश से राज्यसभा के मेंबर थे। लंबे वक्त से आरएसएस से जुड़े रहे। नर्मदा और पर्यावरण की बेहतरी के लिए उन्होंने काम किया। दवे चाहते थे कि हो सके तो मेरी याद में सिर्फ पेड़ लगाएं और नदियां बचाएं।
23 जुलाई, 2013 को लिखा दवे का एक लेटर सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा, ”मेरा दाह संस्कार बांद्राभान (होशंगाबाद) में नर्मदा के किनारे किया जाए। मेरी याद में कोई स्मारक, प्रतियोगिता, पुरस्कार, प्रतिमा न हों। बल्कि पेड़ लगाएं और नदियों-तालाबों को बचाने की कोशिश करें तो खुशी होगी।”
इसबीच, सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि दवे की इच्छा के मुताबिक, शुक्रवार को नर्मदा किनारे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि शाम तक दवे का पार्थिव शरीर निजी विमान से भोपाल लाया जाएगा और अंतिम दर्शन के लिए प्रदेश बीजेपी ऑफिस में रखा जाएगा।