नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में शाह की भूमिका की दोबारा जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है. सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने इस बारे में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट मंदर की याचिका को ख़ारिज कर चुका है. 1 अगस्त को मंदर की याचिका को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि मंदर का इस मामले से कोई संबंध नहीं है. किसी आपराधिक मामले में कोर्ट के आदेश को वही व्यक्ति चुनौती दे सकता है जो उससे जुड़ा हो.
मामला 2005 का है. कई संगीन मामलों में आरोपी सोहराबुद्दीन को गुजरात पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था. गुजरात पुलिस पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ करने के आरोप लगे. मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. घटना के वक़्त गुजरात के गृह राज्य मंत्री रहे अमित शाह पर भी हत्या की साज़िश रचने और सबूत मिटाने के आरोप लगे.
2014 में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने अमित शाह को इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शाह के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है. इस फैसले को हर्ष मंदर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लायक नहीं माना है.