मुंबई, 18 जून (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की रविवार को हुई मुलाकात में ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर आक्रामक रुख बनाए रखा। हालांकि, भाजपा अध्यक्ष ने किसी राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राजग उम्मीदवार के लिए शिवसेना का समर्थन मांगा।
ठाकरे ने अपने पसंदीदा नामों को शीर्ष पद के लिए फिर से दोहराया। इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन शामिल थे। भाजपा इन नामों को लेकर बचनबद्ध नहीं है और भाजपा ने कहा कि चर्चा जारी है।
ऐसा समझा जाता है कि ठाकरे ने शाह से भाजपा से पहले अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को घोषित करने को कहा है, ताकि उनकी पार्टी उम्मीदवार को समर्थन करने फैसला कर सके।
दोनों दलों ने शाह-ठाकरे की मुलाकात पर चुप्पी साधे रखी। हालांकि, भाजपा ने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया, जिसमें सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत हुई।
इस मुलाकात में सेना की तरफ से ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ने भाग लिया और भाजपा की तरफ से शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल रहे।
सेना के दूसरे नेता और महाराष्ट्र भाजपा इकाई के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
यह बैठक सभी राजनीतिक दलों के साथ राष्ट्रपति चुनाव पर सहमति बनाने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा थी। इसका मकसद अपने पुराने सहयोगी शिवसेना का राजग उम्मीदवार के लिए समर्थन सुनिश्चित करना था।
साल 2007 व 2012 के राष्ट्रपति चुनावों में सेना ने राजग से अलग हटकर क्रमश: कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा पाटील और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था।
शाह ने अपने तीन दिवसीय मुंबई दौरे के अंतिम दिन राजग के घटक जैसे रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया-ए के अध्यक्ष रामदास आठवले, राष्ट्रीय समाज पार्टी के प्रमुख महादेव जनकर, शिव संग्राम पार्टी प्रमुख विनायक मेते व जनसुराज्य पार्टी के प्रमुख विनय कोरे से भी मुलाकात की।
हालांकि, वह स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी से नहीं मिल सके, जिन्होंने हाल में राज्य में किसानों के आंदोलन की अगुवाई की थी।