लखनऊ : अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए चार नए मंत्री शामिल किए। इसके साथ ही पिछले सप्ताह बर्खास्तन किए गए बलराम यादव को पुनः मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वहीं कैबिनेट मंत्री मनोज कुमार पांडेय को मंत्रिपरिषद से हटा दिया। मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शिवपाल यादव शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए।
चार साल में सातवीं बार अखिलेश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है । आज सुबह राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में आयोजित समारोह में बलराम यादव समेत तीन कैबिनेट और दो स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों को शपथ दिलाई। अखिलेश ने बलराम को पिछले मंगलवार को सपा में कौमी एकता दल के विलय का सूत्रधार मानते हुए मंत्रिपरिषद से बर्खास्तक कर दिया था। सपा संसदीय दल ने शनिवार को उस विलय को रद्द कर दिया था। आज जिन अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गयी, उनमें नारद राय भी शामिल हैं, जिन्हें कुछ महीने पहले ही मंत्रिपरिषद से हटाया गया था। जियाउद्दीन को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किये जाने का फैसला हुआ है, लेकिन वह शहर में नहीं होने के कारण आज शपथ नहीं ले सके। रविदास महेरोत्रा और शारदा प्रसाद शुक्ला को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ दिलाई गई।
राज्यपाल ने बहरहाल मुख्यमंत्री की सलाह पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कैबिनेट मंत्री मनोज कुमार पांडेय को मंत्रिपरिषद से हटा दिया है। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, हाल ही में पार्टी में वापस आए अमर सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव भी मौजूद थे, लेकिन वरिष्ठ मंत्री तथा मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल सिंह यादव की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। अखिलेश मंत्रिपरिषद का यह अंतिम विस्तार था, कारण कि इसके साथ मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या 60 हो गई है तथा इसका और विस्तार नहीं हो सकता। वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश अपने मंत्रिपरिषद का अब तक सात बार विस्तार और पुनर्गठन कर चुके हैं।