रियाज अहमद अंसारी : नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और केंद्र सरकार में टकराव बरकरार है। नए कृषि कानून बिल पर चार बार वार्ता हो चुकी है जो की बात नहीं बन पायी। विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत चल रही है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह कैबिनेट के वरिष्ठ साथियों को आवास पर बुलाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि नरेंद्र सिंह तोमर इस मीटिंग में मौजूद रहे।
मीटिंग के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘शनिवार को किसानों के साथ दोपहर 2 बजे मीटिंग तय है। मुझे उम्मीद है कि किसान सकारात्मक विचार करेंगे और विरोध प्रदर्शन खत्म करेंगे।’ हालांकि किसान संगठनों के नेता दो-टूक कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा।
किसान आंदोलन को विपक्ष का चौतरफा समर्थन मिलने से सरकार के लिए स्थिति विकट हो गई है। लेफ्ट दलों ने किसानों की मांगों को जायज ठहराया है। दूसरी तरफ, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज की मीटिंग में किसानों के संदेहों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह विपक्ष की राजनीति है। वे प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आज दोपहर होने वाली बैठक में कोई न कोई हल निकल आएगा और किसान आंदोलन वापस ले लेंगे।
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आज पांचवें दौर की बैठक के दौरान, किसानों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक का पॉइंटवाइज जवाब देने की मांग की। इस पर सरकार राजी हो गई है। सरकार अपने जवाब किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएगी।
किसान संगठनों के तेवर तल्ख बने हुए हैं। उनकी मांग साफ है कि तीनों कानून पूरी तरह से वापस हों नहीं तो आंदोलन चलता रहेगा। आजाद किसान संघर्ष समिति के पंजाब प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने ANI से बातचीत में कहा, हम कानूनों का पूरी तरह से रोलबैक चाहते हैं। अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती तो हम धरना जारी रखेंगे।