पटना : उरी हमले में शहीद हुए जवानों को दिये गये मुआवजे की रकम को लेकर चौतरफा विरोध के बाद बिहार सरकार ने मुआवजे की राशि को पांच लाख से बढ़ाकर ग्यारह लाख रुपये कर दिए.
गौर हो कि आरा में शहीद की पत्नी ने कल मंत्री के हाथ से 5 लाख का मुआवजे लेने से न सिर्फ मना किया बल्कि बिहार सरकार को भिखारी तक कह दिया. इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारे में भी सरकार की आलोचना होने लगी थी. इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने मुआवजे की रकम 5 से बढ़ाकर 11 लाख कर दी. इसके बाबजूद यह बहस छिड गई है कि शहीदों के परिवारों को देने में सरकार के हाथ बंध जाते हैं लेकिन खिलाड़ियों पर करोड़ों की बरसात हो जाती है.
आरा के रहने वाले शहीद अशोक सिंह की पत्नी संगीता देवी का गुस्सा जायज भी लगता है. क्योंकि शहादत और शराब से मौत में बिहार सरकार ने ज्यादा फर्क नहीं किया है. शहीदों के परिवार के लिए 5 लाख का मुआवजा और पिछले महीने जहरीली शराब पीने से गोपलगंज में मारे गए लोगों के परिवार को नीतीश सरकार ने 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया था.
शहीद अशोक सिंह की पत्नी ने 5 लाख का मुआवजा लेने से इनकार किया तो बिहार सरकार को भी होश आया. तुरंत मुआवजे की रकम 5 से बढ़ाकर 11 लाख करने का एलान किया. लेकिन तब तक बात जंगल की आग की तरफ फैल चुकी थी.
सोशल मीडिया पर बिहार की सरकार लोगों के निशाने पर आ गई. फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा कि ‘ओलंपिक में मेडल या क्रिकेट में कोई खिताब जीतने पर केंद्र और राज्य सरकारों के पिटारे से करोड़ों निकलने लगता है लेकिन सरहद पर कोई जवान मरता है तो फिर पिटारे में चवन्नी अठन्नी टाइप का खुदरा ही निकल पाता है. नेताओं की सुरक्षा पर करोड़ों और शहीदों के परिवार के लिए ठन ठन गोपाल.’
इसमें कोई दो मत नहीं है कि खिलाड़ी जब कोई मैच या मेडल जीतते हैं तो उनपर लाखों करोड़ों में इनामों की बारिश सरकार और देश की कंपनियां करती हैं लेकिन जिन सैनिकों के भरोसे ये लोग खेल खेलते हैं, खुली हवा में सांस लेते हैं उन सैनिकों की शहादत के बाद मुआवजे के नाम पर मजाक करते हैं.
नीतीश पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक और यूजर ने लिखा है कि ‘5 लाख तो शहाबुद्दीन की रिहाई पर जश्न मनाने में खर्च कर दिए आपके लालटेन वाले मित्र ने. ये भी रख लीजिए. अगली बार काम आ जाएंगे.’ तो किसी ने लिखा ‘शराब पीकर मरने वालों को 4 लाख और देश की रक्षा करने वाले शहीदों को 5 लाख…?’
बताते चलें कि यूपी में बीस लाख, महाराष्ट्र में 15 लाख, और झारखंड में 10 लाख का मुआवजा शहीदों के परिवार वालों को दिया गया है.