औरंगाबाद (बिहार)। बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटी पुलिस में भर्ती होकर लोगों को न्याय और सुरक्षा दिलाना चाहती थी। लेकिन उसे क्या मालूम था कि जिस समाज के लिए वह यह सब करना चाहती है, वहां कुछ ऐसे दरिन्दे छिपे हैं, जो उसे दर्दनाक मौत देंगे।
बिहार के अरवल जिले की नीतू कुमारी (बदला हुआ नाम) सुबह-सुबह दौड़ने निकली थी। इस दौरान वह खुद दरिंदगी की शिकार हो गई। अपराधियों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे तेजाब से नहलाकर मार डाला। रविवार सुबह औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना पुलिस ने रघुनाथपुर गांव के पास से उसका शव बरामद किया।
नीतू शनिवार तड़के करीब तीन बजे पुलिस बहाली के अभ्यास के लिए दौडऩे निकली थी। परिजनों ने उसके लापता होने की सूचना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार दुष्कर्म का विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई होगी, जिसमें उसके दो दांत भी टूट गए। सिविल सर्जन डॉ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
नीतू के भाइयों ने बताया कि बिहार पुलिस में भर्ती होने के लिए गांव की लड़कियों के साथ वह प्रतिदिन सुबह तीन से चार बजे दौड़ लगाने जाती थी। वह छह बजे तक लौट आती थी। शनिवार सुबह वह तीन बजे दौड़ लगाने के लिए निकली, लेकिन नहीं लौटी। सहेलियों ने बताया उन्हें रंजना नहीं मिली। सूचना देने पर पुलिस ने 24 घंटे बाद प्राथमिकी दर्ज कर जांच की बात कही।
एसडीपीओ ने बताया कि लड़की की हत्या कहीं और कर शव को यहां फेंका गया है। आक्रोशित लोगों ने पुलिस की लापरवाही के खिलाफ सड़क जामकर प्रदर्शन भी किया।