नई दिल्ली : यात्रियों को ‘कन्फर्म’ सीट देने के लिए रेलवे अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है. रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि 2020 तक हर किसी को समय पर कन्फर्म सीट मिल पाएगी. ऐसा करना एक दिन में संभव नहीं है. फिलहाल यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से कन्फर्म सीट नहीं मिल पाती है.
देशभर में रोजाना 66,000 किलोमीटर मार्ग पर 12,000 ट्रेनें चलती हैं. आजादी के बाद से रेल यातायात 20 गुणा बढ़ा है, वहीं रेलवे के बुनियादी ढ़ांचे में सिर्फ 2.25 गुना का इजाफा हुआ है. सिन्हा का कहना है कि देश में कुल 67 रेलवे मार्ग भीड़भाड़ वाले हैं जिसमें इलाहाबाद- मुगल सराय मार्ग पर सबसे ज्यादा भीड़ है.
प्रीमियर सेवाओं के लिए लचीली किराया प्रणाली का बचाव करते हुए सिन्हा ने कहा कि यह योजना 77 ट्रैनों में लागू की गई है. इससे प्रभावित लोगों की संख्या 0.2 प्रतिशत से कम है. सिन्हा का कहना है कि अगले पांच साल के लिए 8.5 लाख रुपये के निवेश की योजना बनाई गई है. मई 2014 में रेलवे में औसतन निवेश 48,000 करोड़ रुपये था जिसे बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
सिन्हा का कहना है कि रेलवे का प्रति किलोमीटर खर्च 70 पैसे है, जबकि उसे सिर्फ 40 पैसे मिलते हैं. रेलवे को हर साल 33,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. जिसे कम करने के लिए कन्जेशन शुल्क जैसे कई अन्य शुल्क हटाए गए हैं. रेलवे की 67-68 प्रतिशत आय का स्रोत ढुलाई है. रेलवे को चालू वित्त वर्ष में यात्री कारोबार से 51,000 करोड़ रुपये और मालढुलाई से 1.10 लाख करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य है.