इस्लामाबाद : उरी में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से हुई सर्जिकल स्ट्राईक के बाद पाकिस्तान में कोहराम है. इस बीच भारत अपने सख्त रुख पर कायम है जबकि, पाकिस्तान का राग लगातार बदल रहा है. इस बीच पाकिस्तान की सरकार और सेना के बीच की दूरियों को लेकर भी चर्चा आम हो गई है.
हालांकि, एक अहम बैठक में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच संदिग्ध दरार की खबर देने वाले एक प्रसिद्ध पत्रकार को देश छोड़ने से रोक दिया गया है. इस बैठक में आईएसआई को कथित तौर पर कहा गया था कि आतंकी समूहों को उसके समर्थन के कारण देश वैश्विक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है.
द डॉन के स्तंभकार और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें ‘निकास नियंत्रण सूची’ में रखा गया है. यह पाकिस्तान सरकार की सीमा नियंत्रण की व्यवस्था है, जिसके तहत सूची में शामिल लोगों को देश छोड़ने से रोका जाता है.
अलमीडा ने ट्वीट किया कि उलझन में हूं, दुखी हूं. कहीं जाने का कोई इरादा नहीं था. यह मेरा घर है. पाकिस्तान. इस घटना से एक सप्ताह पहले ही अलमीडा ने द डॉन में पहले पन्ने पर पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच की दरार को लेकर खबर लिखी थी.
उन्होंने लिखा था कि इस दरार की वजह वे आतंकी समूह हैं, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं लेकिन भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ युद्धरत रहते हैं. अलमीडा ने छह अक्तूबर को, सूत्रों का हवाला देते हुए द डॉन में लिखा था कि असैन्य सरकार ने सैन्य नेतृत्व से कहा है कि पाकिस्तान का बढ़ता अंतरराष्ट्रीय विलगाव आतंकवाद को कथित समर्थन के चलते है.
पाकिस्तान सरकार इस खबर को तब से तीन बार नकार चुकी है. विदेश मंत्रालय ने इस खबर को जोरदार ढंग से खारिज करते हुए इसे ‘कयासबाजी’ करार दिया. कल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अधिकारियों को आदेश दिए कि वे इस ‘मनगढ़ंत’ खबर को छापने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करें.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार कि प्रधानमंत्री ने इस उल्लंघन का कड़ा संज्ञान लिया है और निर्देश दिया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उनकी पहचान की जानी चाहिए. अलमीदा की यह खबर उरी में 18 सितंबर को भारतीय सैन्य अड्डे पर हुए हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आई थी.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा सैन्य अड्डे पर किए गए हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद 29 सितंबर को भारत ने नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर ‘लक्षित हमले’ किए थे. सेना ने कहा था कि उसने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसने की तैयारी कर रहे आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
पाकिस्तान ने भारत की ओर से किसी भी लक्षित हमले से इंकार करते हुए दावा किया कि भारतीय सैनिकों की ओर से नियंत्रण रेखा पर कथित संघषर्विराम उल्लंघन में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. इस बीच भारत की ओर से लगातार कुटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरने की कोशिश जारी है.