सुधीर कुमार
अभी कुछ देर पहले अचानक मेरी गली में अफरा तफरी का माहौल था , अचानक शोर गुल सुन मैं बाहर निकला तो हर कोई मुझे घर में जाने की सलाह देने लगा , और मैं लोगों से पूछ रहा था कि बात क्या हुआ सब दंगे की बात कर रहे थे , पर कहाँ हुआ . जितनी मुहँ उतनी बातें , मैं भी कहाँ रुकने वाला था , मैं पैदल ही चल पड़ा लेकिन मीलों चलने के बाद भी मुझे कुछ दिखा नहीं सिवाए अफवाह के अलबत्ता देर रात तक गुलज़ार रहने वाली चालीस फूटा बाजार में सन्नाटा पसर गया, ये मामला है पश्चिम दिल्ली के जनकपुरी का ,फिलहाल इलाके में शांति है .