धार| सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के प्रभावितों का बेहतर पुनर्वास न किए जाने के विरोध में ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की मेधा पाटकर और 11 अन्य लोगों का उपवास गुरुवार को आठवें दिन भी जारी है। आठ दिनों से जारी सभी के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है और उन्हें उल्टियां हो रही हैं, क्योंकि सभी आठ दिन से सिर्फ पानी ही पी रहे हैं।
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार को 31 जुलाई से पहले सरदार सरोवर बांध के प्रभावितों का पुनर्वास करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही बांध की ऊंचाई गुजरात सरकार बढ़ा सकती है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आठ अगस्त को सुनवाई तय किए जाने के कारण गुजरात सरकार ने अभी गेट बंद नहीं किए हैं। वहीं मेधा पाटकर की अगुवाई में धार जिले के चिखल्दा गांव में 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास जारी है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि मेधा पाटकर और अन्य 11 लोगों का उपवास आठवें दिन भी जारी है। जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता और प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिलता, तब तक उपवास जारी रहेगा। वहीं, भूख हड़ताल कर रहे लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है।
ज्ञात हो कि सरदार सरोवर बांध की उंचाई बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव डूब क्षेत्र में आने वाले हैं, जिससे 40 हजार परिवार प्रभावित होंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक संपूर्ण पुनर्वास कर उंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए थे, मगर पुनर्वास का काम अधूरा पड़ा है।