शिमला : एचआरटीसी के 30 कर्मचारी नेताओं की बर्खास्तगी से राज्य की कई कर्मचारी यूनियनें भड़क गई हैं। इन यूनियनों ने बर्खास्त कर्मचारी नेताओं को बहाल करने के लिए सरकार को पंद्रह दिन का अल्टीमेटम दिया है।
यूनियन से सरकार को चेताया है कि बहाली नहीं की तो सूबे के छह लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, राज्य विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन और फॉरेस्ट कारपोरेशन इंप्लाइज यूनियन ने साझा प्रेस वार्ता कर सरकार पर बर्खास्त कर्मचारियों व उनके साथियों के फोन टेप कराने का आरोप भी लगाया।
महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा, विद्युत बोर्ड यूनियन के हीरा लाल वर्मा और फॉरेस्ट कारपोरेशन इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री कमलेश शांडिल ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह एचआरटीसी कर्मचारियों का दमन किया गया है, वह बेहद शर्मनाक है।
करीब बीस साल पहले शांता कुमार सरकार ने भी एस्मा और एनएसए जैसे कानूनों का सहारा लेकर कर्मचारियों का दमन करने का कुप्रयास किया था। लेकिन उसके बाद हिमाचल के राजनीतिक गलियारों से उसका नाम मिट गया। अगर वर्तमान सरकार ने भी अपने निर्णयों पर विचार कर कर्मचारियों का हित नहीं सोचा तो उसका हाल भी वैसा ही होगा।