इसलामाबाद : भारत बार बार कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद की जननी है, लेकिन पाकिस्तान बार बार इनकार करता रहा है. लेकिन अब भारत का दबाव काम आया है. पाकिस्तान ने मान लिया है कि उसकी धऱती पर आतंक पल पोस रहा है.
पाकिस्तान की आतंकपरस्ती की पोल पाकिस्तान खुद खोल रहा है. इस बार पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर मान लिया है कि उसके यहां आतंकवादी पल रहे हैं. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने आतंकवादियों के 5100 खातों की लिस्ट बैंक को भेजी है. पाकिस्तानी सरकार के कहने पर बैंकों ने इन 5100 खातों को बंद कर दिया है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बयान दिया कि आतंकवाद पाकिस्तान का प्यारा बच्चा है तो पूरा पाकिस्तान बौखला गया था. लेकिन आतंक पर आंख मूंदने वाले पाकिस्तान ने अब खुद सबूत दे दिया है कि उसने कैसे-कैसे आतंकवादियों को पाल रखा है. पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर माना है कि उसके यहां कम से कम 5100 से आतंकवादी रह रहे हैं.
दरअसल पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने तीन-अलग लिस्ट तैयार की हैं. इन लिस्ट में नाम है उन आतंकवादियों का जो पाकिस्तान में बैठकर दुनिया भर में दहशत फैलाने की साजिश रचते हैं. गृह मंत्रालय ने लिस्ट को बैंकों को भेजा है.
पाकिस्तान सरकार के कहने पर 5100 आतंकवादी के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. इन खातों में 40 करोड़ से ज्यादा पैसे जमा हैं. इस लिस्ट में शामिल है जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, आतंकवादी मसूद अजहर का स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में खाता था, जो फिलहाल बंद कर दिया गया है.
मसूद अजहर का नाम आतंकवादियों की ए श्रेणी वाली लिस्ट में है. पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की ए श्रेणी की लिस्ट में 1200 आतंकियों के नाम हैं. ये 1200 वो आतंकी हैं जो बेहद खूंखार हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि 27 ऐसे खाते हैं जो पाकिस्तान की राजधानी इस्लमाबाद से चल रहे हैं.
मसूद अजहर वो ही आतंकी है जिसने इसी साल जनवरी में भारत में पठानकोट एयरबेस पर हमला करवाया था. उरी हमले में भी मसूद अजहर का नाम सामने आया था. इसीलिए भारत संयुक्त राष्ट्र संघ से मसूद अजहर को आधिकारिक तौर पर आतंकी घोषित करने की मांग कर चुका है. भारत ने यूएन में कई बार पाकिस्तान को घेरा है. पाकिस्तान की आतंक परस्ती को भारत ने एक बार फिर यूएन में उठाया है. पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आतंकवादियों को पालने के लिए दुनिया भर में कुख्यात है. लेकिन ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक तौर पर मान लिया है कि उसके यहां कई आतंकवादी रह रहे हैं.