नई दिल्ली : रेल आधारभूत संरचना को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने 11 राज्यों में मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही को आसान बनाने के लिए तकरीबन 21000 करोड़ रूपये की लागत वाले लाइन विस्तार कार्यक्रम को आज मंजूरी दे दी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20867.24 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से कुल 1937.38 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक निर्माण की नौ परियोजनाओं समेत विशाल लाइन विस्तार कार्यक्रम को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 2020 तक 1.5 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता निर्माण को हरी झंडी दी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारी क्षमता विस्तार कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कोयला, खनिज, इस्पात और अन्य वस्तुओं की तेज आवाजाही के लिए मुख्य ट्रंक मार्गों से भीड़भाड़ कम करना और अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करना है।
इन परियोजनाओं को कोयला मंत्रालय, इस्पात एवं खान, अन्य मंत्रालयों और यातायात में आम वृद्धि के मद्देनजर प्रोजेक्ट की गई यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अविलंब अमली जामा पहनाए जाने की आवश्यकता है। यह कुल मिलाकर 2020 तक 1.5 अरब टन को पार कर जाएगा।
यह कदम स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा और माल और यात्री यातायात के परिवहन को सुगम बनाएगा। कोयला, खनिज और इस्पात क्षेत्र में परिवहन में नयी जान फूंकने के लिए इस विस्तार से पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण भारत के 11 राज्यों को फायदा होगा।