इंदौर : देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या है । प्रतिष्ठित केंद्रीय विद्यालय भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से पता चला है कि देशभर भर में फैले 1,100 से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 21 प्रतिशत स्वीकृत पद खाली पड़े हैं।
केवीएस ने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में प्राइमरी अध्यापकों के 14,856 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 11,849 पदों पर शिक्षक कार्य कर रहे हैं और शेष 3,007 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक :टीजीटी: के 15,972 स्वीकृत पदों के मुकाबले 11,995 पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति की गयी है और शेष 3,977 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय विद्यालयों में परास्नातक शिक्षक (पीजीटी) के 10,321 पद स्वीकृत हैं। लेकिन इन पदों पर 8,526 अध्यापक ही नौकरी कर रहे हैं और शेष 1,795 पद खाली पड़े हैं। इस बीच, ऑल इंडिया केंद्रीय विद्यालय टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव एमबी अग्रवाल ने कहा कि उनका संगठन केवीएस पर लगातार दबाव डालकर मांग कर रहा है कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाये। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने एक जून तक की स्थिति के मुताबिक यह जानकारी दी है।
गौर हो कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाला केवीएस देश भर में केंद्रीय विद्यालयों का संचालन करता है।