गांधी नगर/अहमदाबाद : बिहार के टॉपर्स घोटाले के बाद अब गुजरात में टॉपर घोटाला सामने आया है . नकल के संदेह में गुजरात सेंकेडरी एंड हॉयर सेंकेडरी एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) के अधिकारियों ने 10वीं क्लास के 500 छात्रों की गणित ऑब्जेक्टिव के पेपर की जांच कराई थी. जिसके परिणाम चौकाने वाले आये हैं.
परीक्षा के दौरान पूछे गए सवालों का अधिकांश छात्र जवाब ही नहीं दे पाए. किसी छात्र ने त्रिकोण (ट्राइंगल) की चार भुजा लिखा, तो कोई छात्र संख्या, रेखा के सवालों का जवाब नहीं दे पाया. कुछ बच्चों ने ईमानदारी के साथ अपनी कॉपी पर जवाब ना पता होने की बात लिख दी.
हैरानी की बात यह है कि इन सभी छात्रों को गणित के इस पेपर में 80 से 85 फीसदी नम्बर दिए गए है. कुछ बच्चों को तो 90 फीसदी तक नम्बर दिए गए है. जबकि इन्हीं छात्रों को गणित सब्जेक्टिव के पेपर में जीरो नम्बर दिए गए हैं.
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गुजरात एजुकेशन बोर्ड के अधिकारियों ने बच्चों से पूछताछ की है. पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें सीसीटीवी कैमरे के पीछे से टीचरों द्वारा जवाब बताए जा रहे थे.
दरअसल परीक्षा परिणामों में हो रही इस हेरा-फेरी की वजह इन स्कुलों को राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाला ग्रांट है. राज्य सरकार गैर सरकारी स्कुलों को उनकी परफार्मेंस के आधार पर वित्तीय सहायता देती है. ये वित्तीय सहायता ही ऐसे फर्जीवाड़े का कारण बन रही है.