लंदन : ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे को ब्रेक्सिट के मुद्दे पर बड़ा झटका लगा है। ब्रेक्सिट पर मंगलवार से संसद में पांच दिवसीय बहस शुरू हो गई है।
बीबीसी के मुताबिक, सांसदों ने ब्रेक्सिट पर कानूनी सलाह का केवल सार जारी करने के लिए सरकार को संसद की अवमानना का दोषी पाया है, जिसके बाद कैबिनेट मंत्रियों के बीच इसके पूर्ण प्रकाशन पर सहमति बनी है।
सांसदों ने इस मांग का समर्थन किया है कि ब्रेक्सिट करार रद्द होने की स्थिति में हाउस ऑफ कॉमन्स को इस पर प्रत्यक्ष तौर पर अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा।
थेरेसा ने कहा कि 2016 ब्रेक्सिट समझौता एक सम्मानीय समझौता था।
थेरेसा पांच दिवसीय बहस को शुरू करते हुए ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने और ईयू के साथ देश के भावी संबंध के संदर्भ में पेश किए गए अपने प्रस्तावित समझौते हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित कर रही थीं।
इस समझौते का ईयू नेताओं ने समर्थन किया है लेकिन इसे लागू करने के लिए ब्रिटेन की संसद का समर्थन मिलना जरूरी है। इस प्रस्ताव पर 11 दिसंबर को मतदान होगा।
थेरेसा ने कहा कि ब्रेक्सिट पर मतभेद देश की राजनीति के लिए विनाशकारी है और लोगों का मानना है कि यह मुद्दा लंबे समय से चल रहा है और इस जल्द सुलझाना चाहिए।
हाउस ऑफ कॉमन्स ने सरकार का कानूनी सलाह के पूर्ण प्रकाशन की मांग संबंधी प्रस्ताव को 293 के मुकाबले 311 वोटों से समर्थन दिया।