एडिलेड (आईएएनएस)। अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गज टेस्ला फ्रांस की ऊर्जा सेवा कंपनी नियोइन की भागीदारी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में दुनिया की सबसे बड़े लिथियम आयन बैटरी की स्थापना करेगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह पुष्टि की।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक यह बैटरी नियोइन के हार्न्सडेट वाइंड फार्म से प्राप्त ऊर्जा को स्टोर करेगी।यह 100 मेगावॉट क्षमता वाली बैटरी नवीनीकृत ऊर्जा से चौबीसो घंटे उपलब्ध कराएगी, और अपातकाल के दौरान बैकअप की सुविधा भी देगी।
टेस्ला के संस्थापक इलोन मस्क ने एक प्रेस वार्ता में कहा, आप अपनी जरूरत के मुताबिक जब आपके पास अतिरिक्त ऊर्जा हो और ऊर्जा उत्पादन की लागत काफी कम हो, इस बैटरी को चार्ज कर सकते हैं, और इससे उस वक्त ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं, जब उसके उत्पादन की लागत अधिक हो। इससे अंतत: उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
मस्क ने कहा कि टेस्ला की भविष्य की बैटरियां वर्तमान बैटरियों की तुलना में तीन गुणा अधिक शक्तिशाली होगी, जिनकी क्षमता फिलहाल 30 मेगावॉट है।
ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने मार्च में 50 करोड़ डॉलर के स्वच्छ ऊर्जा परियोजना की घोषणा की थी, जिसमें गैस फायर्ड संयंत्र और बैटरियों की स्थापना शामिल है।
टेस्ला के संस्थापक इलोन मस्क ने एक प्रेस वार्ता में कहा, आप अपनी जरूरत के मुताबिक जब आपके पास अतिरिक्त ऊर्जा हो और ऊर्जा उत्पादन की लागत काफी कम हो, इस बैटरी को चार्ज कर सकते हैं, और इससे उस वक्त ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं, जब उसके उत्पादन की लागत अधिक हो। इससे अंतत: उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
मस्क ने कहा कि टेस्ला की भविष्य की बैटरियां वर्तमान बैटरियों की तुलना में तीन गुणा अधिक शक्तिशाली होगी, जिनकी क्षमता फिलहाल 30 मेगावॉट है।
ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने मार्च में 50 करोड़ डॉलर के स्वच्छ ऊर्जा परियोजना की घोषणा की थी, जिसमें गैस फायर्ड संयंत्र और बैटरियों की स्थापना शामिल है।