पटना। बिहार में गठबंधन की सरकार में जारी गतिरोध अब तक कायम है। जदयू ने एक बार फिर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर लगे आरोपों पर सफाई की मांग की है। पार्टी ने राजद पर जोरदार हमला किया है।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने कहा कि भ्रष्टाचार पर पारदर्शिता के बगैर चलना मुश्किल है। बिहार में महागठबंधन भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेस पर हुआ था। भ्रष्टाचार से समझौता करके 2019 में विपक्ष की एकजुटता की बात करनी बेमानी है। भ्रष्टाचार की बात कर सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को अपने ऊपर लगे आरोपों पर तथ्यों के साथ सफाई देनी चाहिए।
मीडिया से बातचीत में डॉ अजय नेकहा कि इससे ही महागठबंधन का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। अभी जो घटनाएं हुई हैं उससे युवाओं में गलत संदेश जा रहा है। युवा राजनीति को मिशन नहीं, मेवा पाने का रास्ता समझ रहे हैं।
उन्होंने खुलकर कहा कि सीबीआइ की छापेमार के सोलह दिनों से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि राजद सांसद मीसा भारती के सीए के खिलाफ सीबीआइ ने आरोपपत्र दायर कर दिया है। क्या इस मामले में भी राजद इसी तरह की कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राजद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुरबानी को अनदेखा कर रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही है। जिन पर आरोप लगे हैं उन्हें तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखना चाहिए।
संजय सिंह ने वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब्दुल बारी सिद्दीकी राजद के दूसरे नंबर से सीधे पांचवें पायदान के मंत्री बन गये हैं। इस वजह से उनके बयान में उनकी पीड़ा झलक रही है। उन्हें बताना चाहिए कि इस तरह का बयान देकर वे किसे अगरबत्ती दिखा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में जदयू ने जिस प्रकार अपनी सीटिंग सीटें छोड़ीं, वह कुरबानी ही है।