नई दिल्ली : तेल बाजार अनिश्चितता और अस्थिरता की स्थिति में प्रवेश कर रहे हैं, साथ ही साल 2020 की शुरुआत में आपूर्ति में बाधा भी आ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।
आईईए ने कहा कि प्राकृतिक गैस की मांग बढ़ती जा रही है, क्योंकि चीन एक विशाल उपभोक्ता बन गया है। सोलर पीवी का बाजार भी आगे बढ़ रहा है, लेकिन अन्य कम-कार्बन प्रौद्योगिकीयों और खासतौर से प्रभावी नीतियों की अभी भी जरूरत है, ताकि इसे बढ़ावा दिया जा सके।
आईएए पब्लिकेशन की वल्र्ड इनर्जी आउटलुक 2018 रपट से यह जानकारी मिली है, जिसमें वैश्विक ऊर्जा के विस्तृत प्रचलन की जानकारी दी गई है, साथ ही इसमें मांग और आपूर्ति, कार्बन उत्सर्जन, वायु प्रदूषण और ऊर्जा तक पहुंच पर भी प्रकाश डाला गया है।
रपट में बताया गया है कि वैश्विक ऊर्जा महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है, जिसमें विद्युतीकरण में तेजी के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा का भी विस्तार शामिल है। साथ ही तेल उत्पादन और प्राकृतिक गैस बाजार के वैश्वीकरण में उथल-पुथल का माहौल है।
सभी क्षेत्रों और सभी तरह के ईंधन में सरकार की बनाई गई नीतियां ही भविष्य की ऊर्जा प्रणाली की दशा-दिशा निर्धारित करेंगी।
आईईए के कार्यकारी निदेशक फैथ बिरोल ने कहा, हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि 70 फीसदी से अधिक वैश्विक ऊर्जा निवेश सरकार के द्वारा किया जा रहा है और इसका संदेश साफ है कि दुनिया की ऊर्जा नियति सरकारी फैसलों पर निर्भर है।