नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) राजधानी दिल्ली में कश्मीर के तीन अलगाववादी नेताओं को लाकर पूछताछ कर रही है. हाल ही में एक मीडिया चैनल द्वारा किये स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामने आई कि कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान की ओर से अलगाववादी नेताओं को फंडिंग दी जा रही है. इन्हीं बातों के मद्देनजर NIA इनसे पूछताछ कर रही है.
इन सभी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से पैसे लिए हैं. इसका मकसद घाटी में अशांति फैलाना है.
सोमवार को दिल्ली पहुंचे अलगाववादी नेता मीडिया से खफा नजर आए. मीडिया के सवालों से नाराज अलगाववादी नेताओं ने न सिर्फ मीडिया कर्मियों को भला-बुरा कहा बल्कि एनआईए के दफ्तर के बाहर कैमरामेनों को धकिया भी दिया.
जब अलगाववादी नेता नईम खान, फारूक अहमद डार और जावेद अहमद बाबा दिल्ली के एनआईए के दफ्तर पहुंचे तो मीडिया ने उनसे कुछ कड़े सवाल किए. इस पर वे खफा हो गए. नईम खान ने मीडिया को ‘चीटर’ करार दिया तो फारूक अहमद डार ने मीडिया के लगातार पूछे जाने पर सिर्फ इतना कहा, यहां हर किसी के सवालों के जवाब देने ही तो आए हैं. जावेद अहमद बाबा ने मीडिया के कैमरों को धक्का दिया और बिल्डिंग में घुस गए. वैसे एयरपोर्ट पर भी मीडिया उनसे सवाल पूछता रहा और यह अलगाववादी नेता जवाब देने से बचते रहे.
एनआईए के मुख्यालय में अलग-अलग अफसरों ने कई घंटों तक इन तीनों नेताओं से पूछताछ की. उन 150 एफआईआर को भी देखा जा रहा है जिनका वास्ता पत्थरबाजी, आगजनी और स्कूल जलने की घटनाओं से है. नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से होने वाले कारोबार के दस्तावेज भी एनआईए के हाथ लगे हैं. इनमें घाटी में हो रही फंडिंग के सुराग मिलने की उम्मीद है.
एनआईए का कहना है कि अलगाववादी नेताओं को दिल्ली बुलाकर पूछताछ करने के मायने ही अलग हैं. दरअसल एनआईए एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है और दिल्ली बुलाकर इन नेताओं से पूछताछ उसी का एक हिस्सा है. एक जांच से जुड़े अफसर ने बताया कि “अभी सिर्फ इनके खिलाफ पीई दर्ज हुई है. कुछ अहम जनकारियां हासिल हुई हैं.” मंगलवार को भी पूछताछ जारी रहेगी. एनआईए का कहना है कि सिलसिलेवार सभी घटनाओं को जोड़ा जा रहा है कि पैसा कैसे और किस तक पहुंचता है.
उधर केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान न सिर्फ पत्थरबाजी करवा रहा है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को घाटी में भेजकर कई अलगावादी नेताओं की मदद से माहौल खराब कर रहा है.