गुवाहाटी: मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को असम में देश के सबसे लंबे पुल का उद्धाटन किया. ढ़ोला और सादिया को जोड़ने वाले इस पुल को ढ़ोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल का नाम दिया गया है. यह पुल देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ेगा.
गौरतलब है कि आज के ही दिन मोदी सरकार ने शपथ ली थी. सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने असम और अरुणाचल की जनता को सौगात दी है. इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा. इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी.
इस पुल की लंबाई 9.15 किमी है और यह 182 खंभों पर टिका है. इस पुल को इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें. साथ ही यह पुल भूकंप के झटके भी झेल सकने में सक्षम है. इस पुल के बन जाने से चीनी सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी. इसलिए इस पुल का सामरिक महत्व भी है.